क्या महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ईवीएम छेड़छाड़ रहित हैं? : ईसीआई

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क्या महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ईवीएम छेड़छाड़ रहित हैं? : ईसीआई

सारांश

क्या महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ईवीएम छेड़छाड़ रहित हैं? भारत निर्वाचन आयोग ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए ईवीएम की जांच के निष्कर्ष साझा किया है। जानें क्या कहा आयोग ने।

Key Takeaways

  • ईवीएम की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।
  • आयोग ने सभी आरोपों को खारिज किया।
  • डायग्नोस्टिक टेस्ट में मशीनें सफल रहीं।
  • मॉक पोल ने चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को बढ़ाया।
  • सभी मशीनों की जांच पूरी की गई।

नई दिल्ली, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में नवंबर 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष ने ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। इस संदर्भ में भारत निर्वाचन आयोग ने सभी आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया।

भारत निर्वाचन आयोग ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की जांच और सत्यापन से यह फिर से स्पष्ट हुआ है कि ईवीएम में कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है।

आयोग के द्वारा 17 जून 2025 को जारी निर्देशों के अनुसार, महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने महाराष्ट्र विधानसभा 2024 के आम चुनावों से संबंधित ईवीएम की जांच और सत्यापन (सीएंडवी) का कार्य पूरा कर लिया है।

10 उम्मीदवारों के आवेदन के आधार पर 10 विधानसभा क्षेत्रों में ईवीएम की बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट की जांच और सत्यापन किया गया। सभी मामलों में मशीनें डायग्नोस्टिक टेस्ट में सफल रहीं और वीवीपैट पर्चियों की गिनती में कोई अंतर नहीं पाया गया।

आयोग ने बताया कि चुनाव में हारे 8 उम्मीदवारों ने सी एंड वी के लिए आवेदन किया था। चुनाव लड़ चुके उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में 10 विधानसभा क्षेत्रों (अनुलग्नक संलग्न) की 48 बैलेट यूनिट्स, 31 कंट्रोल यूनिट्स और 31 वीवीपैट पर सी एंड वी सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। दो आवेदक उम्मीदवारों ने इसमें भाग लेने का विकल्प नहीं चुना।

आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के अनुरोध पर 147-कोपरी-पचपखड़ी विधानसभा क्षेत्र, 148-ठाणे विधानसभा क्षेत्र, 211-खड़गवासला विधानसभा क्षेत्र और 229-मजलगांव विधानसभा क्षेत्र (ईवीएम के 3 सेटों में) में डायग्नोस्टिक टेस्ट हुए, जिसमें सभी मशीनें पास हुईं।

188-पनवेल एसी, 192-अलीबाग, 80-अरनी एसी, 119-येवला एसी, 271-चांदगढ़ एसी, 276-कोल्हापुर उत्तर एसी और 229-मजलगांव एसी के शेष 3 ईवीएम सेटों में मॉक पोल के साथ डायग्नोस्टिक टेस्ट किया गया।

इन मामलों में सबसे पहले इंजीनियरों ने डायग्नोस्टिक टेस्ट किए। डायग्नोस्टिक टेस्ट के बाद निर्माता (ईसीआईएल) के अधिकृत इंजीनियरों ने प्रमाणित किया कि सभी मशीनें डायग्नोस्टिक टेस्ट में पास हो गई हैं।

इसके बाद उम्मीदवारों से प्राप्त अनुरोध के अनुसार मशीनों पर मॉक पोल किया गया। ईवीएम (कंट्रोल यूनिट से) के परिणामों की वीवीपैट पर्चियों की गिनती से पुष्टि की गई और कोई विसंगति नहीं पाई गई।

Point of View

वह महत्वपूर्ण है और हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
NationPress
01/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या ईवीएम में छेड़छाड़ की गई थी?
नहीं, भारत निर्वाचन आयोग ने सभी आरोपों को खारिज किया है और ईवीएम की सुरक्षा सुनिश्चित की है।
डायग्नोस्टिक टेस्ट का क्या परिणाम था?
ईवीएम सभी डायग्नोस्टिक टेस्ट में सफल रहीं और कोई विसंगति नहीं पाई गई।
मॉक पोल का क्या महत्व है?
मॉक पोल चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को सुनिश्चित करता है।