क्या मानसून सत्र में सीजफायर पर केंद्र सरकार की चुप्पी का कारण पूछेंगे : वीरेंद्र सिंह?

सारांश
Key Takeaways
- सीजफायर पर सरकार का जवाब मांगना आवश्यक है।
- शिक्षा का मुद्दा गरीब बच्चों के भविष्य से जुड़ा है।
- मतदाता सूची में सुधार की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संसद का मानसून सत्र सोमवार से आरंभ हो रहा है। इस सत्र में विपक्षी पार्टियों ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की योजना बनाई है। उत्तर प्रदेश की चंदौली लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद वीरेंद्र सिंह ने मानसून सत्र में अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट किया है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में वीरेंद्र सिंह ने कहा, "समाजवादी पार्टी का मुख्य मुद्दा शिक्षा है। सरकार जानबूझकर गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रही है। यह पहली सरकार है, जो शिक्षालयों को बंद कर मदिरालयों के लिए रास्ता खोल रही है। हम इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे।"
उन्होंने आगे कहा कि हम सरकार से यह पूछेंगे कि पहलगाम आतंकी हमले के आरोपी आतंकवादी अब तक पकड़ में क्यों नहीं आए? अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर के दावे पर प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? पूरे देश में खाद और यूरिया की कमी हो रही है। भारत और अमेरिका के बीच कृषि उत्पादों से संबंधित सूचनाएं मीडिया के माध्यम से मिल रही हैं, इनमें कितनी सच्चाई है? ये सभी सवाल हमारी प्राथमिकता में हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में हो रही मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सपा सांसद ने कहा कि जब चुनाव आयोग से सवाल पूछा जाता है, तो जवाब भारतीय जनता पार्टी के नेता देते हैं। इससे साबित होता है कि चुनाव आयोग और भाजपा में कोई अंतर नहीं है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सभी संसाधनों का उपयोग करके देश के कमजोर वर्ग के वोट देने के संवैधानिक अधिकार को छीनने की कोशिश कर रही है। सरकार आधार कार्ड, राशन कार्ड सभी को अमान्य कर रही है। ऐसे में सरकार को वह सर्टिफिकेट जारी करना चाहिए, जो किसी व्यक्ति को इस देश का नागरिक साबित करेगा। मतदाता सूची की जांच के नाम पर सरकार खिलवाड़ कर रही है। जिनका नाम काटा जा रहा है, उन्हें सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जा सकता है।