क्या मंत्री संजय निषाद ने सीएम ममता बनर्जी के बयान की निंदा की?
सारांश
Key Takeaways
- ममता बनर्जी का बयान विवादास्पद है।
- मंत्री संजय निषाद ने इसे अलोकतांत्रिक बताया।
- मतदाता सूची में फर्जी मतदाताओं को हटाने की प्रक्रिया चल रही है।
लखनऊ, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री संजय निषाद ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस बयान की निंदा की, जिसमें उन्होंने अपने राज्य की महिलाओं से कहा कि यदि केंद्र सरकार के अधिकारी आपके दरवाजे पर आकर मतदाता सूची से आपका नाम हटाने की कोशिश करें, तो तुरंत अपने किचन से चाकू लेकर उन पर हमला करें।
निषाद ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। इस तरह के बयानों को किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। जब हर बूथ पर उनके एजेंट हैं, तो बैठकर फॉर्म भरवाने में क्या दिक्कत है।
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री संजय निषाद ने आगे कहा कि मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के तहत फर्जी मतदाताओं को चिन्हित कर उन्हें मतदान के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। मेरा सीधा सवाल है कि किसी दूसरे देश के नागरिक को हम अपने यहां रहने का अधिकार कैसे दे सकते हैं। इसके अलावा, किसी व्यक्ति को दो जगह मतदान का अधिकार कैसे दिया जा सकता है। इस तरह की स्थिति को हम लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी कीमत पर नहीं मान सकते हैं।
उन्होंने भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी के बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में केवल यहीं के नागरिक को रहने का अधिकार है। किसी दूसरे देश के नागरिक को यहां रहने का अधिकार नहीं है, चाहे वह पाकिस्तान का हो या बांग्लादेश का।
मंत्री संजय निषाद ने कहा कि हम सुवेंदु अधिकारी के बयान का समर्थन करते हैं। उन्होंने बिल्कुल सही बात कही है। इसमें किसी भी प्रकार की शंका नहीं होनी चाहिए। जब 1947 में देश आजाद हुआ था, तो संविधान में यह पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था कि यहां केवल हिंदुस्तानी मूल के नागरिक को ही रहने का अधिकार है। कोई दूसरे देश के नागरिक को यहां रहने का अधिकार कैसे दिया जा सकता है। इसे देखते हुए जिन्हें विदेश जाना था, वे विदेश चले गए और जिन्हें भारत में रहना था, वे भारत में ही रह गए।