क्या मशहूर मूर्तिकार राम सुतार का निधन हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- राम सुतार भारतीय मूर्तिकला के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नाम थे।
- उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जैसी अद्भुत कृतियों का निर्माण किया।
- उनका काम भारतीय संस्कृति को समृद्ध करने में सहायक रहा है।
- सीएम फडणवीस ने उनके अंतिम संस्कार को राजकीय सम्मान देने का अनुरोध किया।
- उनकी कला सदियों तक जीवित रहेगी।
मुंबई, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के निर्माता और प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार का लंबी बीमारी के बाद बुधवार रात को निधन हो गया। उनके निधन पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत कर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की मांग की।
सीएम फडणवीस ने फोन पर अनुरोध किया कि वरिष्ठ मूर्तिकार महाराष्ट्र भूषण राम सुतार के अंतिम संस्कार को राजकीय सम्मान दिया जाए, जिसे यूपी सरकार ने तुरंत स्वीकार कर लिया है। राम सुतार का अंतिम संस्कार नोएडा में राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
सीएम फडणवीस ने मूर्तिकार के बेटे को फोन करके अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में सीएम फडणवीस ने लिखा, "वरिष्ठ मूर्तिकार राम सुतार के निधन की खबर सुनकर अत्यंत दुख हुआ। मैंने उनके बेटे अनिल सुतार को फोन कर अपनी संवेदनाएं प्रकट की हैं। रामभाऊ के निधन से एक महान कलाकार का निधन हुआ है। उनकी कला ने जीवन को एक नई परिभाषा दी।"
उन्होंने आगे कहा कि कुछ दिन पहले, नई दिल्ली में उनके घर पर 'महाराष्ट्र भूषण' पुरस्कार देने का कार्यक्रम था। पुरस्कार लेते समय जब उन्होंने 'महाराष्ट्र माझा' गाने की पंक्तियां गाईं, तो मैं भावुक हो गया। उन्होंने कई मूर्तियों को आकार दिया, जैसे कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति और अंडमान में वीर सावरकर की मूर्ति। 100 साल की उम्र में भी उन्होंने इंदु मिल में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के स्मारक के काम में सहभागिता की।
फडवीस ने आगे कहा कि संसद भवन परिसर में भी उनकी कई मूर्तियां हैं। उन्होंने हमारे आदर्श छत्रपति शिवाजी महाराज, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले जैसे महान व्यक्तित्वों की मूर्तियों को आकार दिया। उनकी कला सदियों तक हमारे दिलों में जिंदा रहेगी। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हम उनके परिवार के शोक में शामिल हैं। ॐ शांति।