क्या मेघालय में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की तैयारी हो रही है?

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क्या मेघालय में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की तैयारी हो रही है?

सारांश

मेघालय में मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीडीआर तिवारी ने आगामी चुनावों के लिए मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की तैयारियों की जानकारी दी है। इस प्रक्रिया में मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है और नए सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। जानें इस महत्वपूर्ण अपडेट के बारे में।

Key Takeaways

  • मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की तैयारी चल रही है।
  • मतदान केंद्रों की संख्या 3,615 हो गई है।
  • नए सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।
  • सत्यापन के लिए दस्तावेजों की विस्तृत सूची उपलब्ध है।
  • पारदर्शी और समावेशी चुनावी प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता।

शिलांग, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मेघालय के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) डॉ. बीडीआर तिवारी ने शिलांग में भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की विभिन्न योजनाओं का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने विशेष रूप से आगामी मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की तैयारियों की जानकारी दी।

डॉ. तिवारी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए बताया कि यह एसआईआर अभ्यास, जो हाल ही में बिहार में संपन्न हुआ था, अब देशभर में लागू किया जाएगा। इस संबंध में राज्यों की तैयारियों की समीक्षा और मार्गदर्शन के लिए 10 सितंबर को नई दिल्ली में सभी राज्यों के सीईओ का एक सम्मेलन आयोजित किया गया था।

उन्होंने बताया कि 2025 की मतदाता सूची सीईओ मेघालय की आधिकारिक वेबसाइट पर पीडीएफ प्रारूप में उपलब्ध है, जहाँ व्यक्तिगत मतदाता ऑनलाइन देख सकते हैं।

मतदाताओं के सत्यापन के लिए स्वीकृत दस्तावेजों की जानकारी देते हुए, डॉ. तिवारी ने सरकार द्वारा जारी पहचान पत्र, शैक्षिक और जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र की सूची साझा की।

उन्होंने आगे बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के 8 सितंबर के आदेशानुसार आधार कार्ड को पहचान सत्यापन के लिए 12वें वैध दस्तावेज के रूप में शामिल किया गया है। आधार अधिनियम 2026 के अनुसार इसका उपयोग केवल पहचान के प्रमाण के रूप में किया जाना है, नागरिकता के प्रमाण के रूप में नहीं।

डॉ. तिवारी ने बताया कि 1,200 से अधिक मतदाताओं वाले सभी मतदान केंद्रों की समीक्षा की गई है। मेघालय में 27 मतदान केंद्रों की पहचान की गई है। वहीं, दूरदराज के इलाकों में मतदाताओं की पहुँच को आसान बनाने के लिए 49 नए मतदान केंद्रों को मंजूरी दी गई और 12 मतदान केंद्रों का विलय किया गया। इन परिवर्तनों के बाद, राज्य में मतदान केंद्रों की कुल संख्या अब 3,615 हो गई है।

इसके अतिरिक्त, चुनाव आयोग ने 35 नए सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (एईआरओ) की नियुक्ति को मंजूरी दी है, जिनमें पाँच नए एईआरओ पद शामिल हैं। इन नियुक्तियों के साथ मेघालय के 60 विधानसभा क्षेत्रों में अब कुल 126 एईआरओ हो गए हैं।

डॉ. तिवारी ने अंत में कहा कि चुनाव विभाग आगामी पुनरीक्षण और भविष्य के चुनावों से पहले एक पारदर्शी, समावेशी और कुशल चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और समावेशिता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण से न केवल निर्वाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाया जाएगा बल्कि लोकतंत्र की जड़ों को भी मजबूत किया जाएगा। हमें उम्मीद है कि ये प्रयास चुनावों में अधिक भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
NationPress
07/10/2025

Frequently Asked Questions

मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य मतदाता पहचान को सुनिश्चित करना और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है।
मतदाता सूची में कौन से दस्तावेज स्वीकार किए जाएंगे?
सरकार द्वारा जारी पहचान पत्र, शैक्षिक प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और अन्य प्रमाण पत्र स्वीकार किए जाएंगे।
मतदान केंद्रों की संख्या में कितनी वृद्धि हुई है?
राज्य में मतदान केंद्रों की कुल संख्या अब 3,615 हो गई है।
आपातकालीन मतदान केंद्रों का क्या महत्व है?
यह दूरदराज के इलाकों में मतदाताओं की पहुँच को आसान बनाता है और चुनावी प्रक्रिया को समावेशी बनाता है।
क्या नए सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है?
हाँ, 35 नए सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।