क्या मेवाड़ शैली भारतीय संस्कृति की जीवित स्मृति है? राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

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क्या मेवाड़ शैली भारतीय संस्कृति की जीवित स्मृति है? राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

सारांश

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उदयपुर में मेवाड़ कला शैली की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने मेवाड़ की ऐतिहासिकता और संस्कृति पर प्रकाश डाला। यह प्रदर्शनी भारतीय संस्कृति की जीवंतता को दर्शाती है। पढ़ें इस अद्भुत कला प्रदर्शनी के बारे में और जानें इसके महत्व के बारे में।

Key Takeaways

  • राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
  • प्रदर्शनी में मेवाड़ कला शैली के चित्र शामिल हैं।
  • मेवाड़ की ऐतिहासिकता और संस्कृति पर प्रकाश डाला गया।
  • शिक्षा के क्षेत्र में मेवाड़ न्यास के प्रयासों की सराहना की गई।
  • भारतीय संस्कृति की धरोहर को संरक्षित करने का महत्व बताया गया।

लखनऊ, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं इलाहाबाद संग्रहालय समिति की अध्यक्ष आनंदीबेन पटेल ने राजस्थान के उदयपुर में स्थित सिटी पैलेस में इलाहाबाद संग्रहालय और सिटी पैलेस संग्रहालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कला प्रदर्शनी 'प्रेमार्पण' का विधिवत उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में मेवाड़ कला शैली में निर्मित इलाहाबाद संग्रहालय के 48 तथा सिटी पैलेस संग्रहालय के 35 दुर्लभ लघु चित्रों को प्रदर्शित किया गया है।

राज्यपाल ने गवर्नमेंट गर्ल्स सेकेंडरी स्कूल, उदयपुर की छात्राओं को स्मृति-चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय इतिहास में मेवाड़ का स्थान अद्वितीय है। राणा सांगा का रण-कौशल, महाराणा प्रताप का अदम्य साहस और महाराणा अमर सिंह का अमर बलिदान भारत की सनातन परंपराओं, आत्मसम्मान और राष्ट्रबोध के उज्ज्वल स्तंभ हैं।

उन्होंने कहा कि मेवाड़ शैली के चित्र केवल कला कलाकृतियां नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की जीवित स्मृतियां हैं, जो कालातीत होकर आज भी प्रेरणा देती हैं। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान समय ऐतिहासिक चेतना के पुनर्जागरण का काल है। संविधान के 75 गौरवपूर्ण वर्ष, सरदार वल्लभभाई पटेल एवं भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती, गुरु तेग बहादुर के 350वें बलिदान वर्ष तथा वंदे मातरम् के 150 वर्ष राष्ट्र-चेतना को नई ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। यह समय इतिहास को केवल स्मरण करने का नहीं, बल्कि उसकी आत्मा को आत्मसात करने का है।

उन्होंने मेवाड़ न्यास द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए शंभूरत्न पाठशाला (1863) और प्रथम कन्या विद्यालय (1866) का उल्लेख किया तथा महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन, उदयपुर के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी डॉ. लक्ष्यराज सिंह द्वारा विद्यादान की परंपरा को आगे बढ़ाने को प्रेरणादायी बताया।

कार्यक्रम के दौरान छात्राओं को सम्मानित करते हुए राज्यपाल ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कहा कि वे ज्ञान, संकल्प और मूल्यबोध के बल पर प्रदेश, समाज और राष्ट्र का गौरव बढ़ाएंगी। उन्होंने भारत की समकालीन उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर, स्वावलंबी और स्वाभिमानी बनकर वैश्विक मंच पर निर्णायक शक्ति के रूप में उभरा है। विदेश नीति, रक्षा, अंतरिक्ष, शिक्षा और कृषि सहित हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।

राज्यपाल ने कहा कि जिस राष्ट्र के इतिहास में प्रकाश होता है, उसके भविष्य में अंधकार नहीं हो सकता। हमें अपनी विरासत और गौरवशाली परंपराओं को आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित और जीवंत बनाए रखना होगा। साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश में बालिकाओं के लिए संचालित निःशुल्क एचपीवी टीकाकरण अभियान का उल्लेख किया और बच्चों व किशोरों से मोबाइल फोन के सीमित उपयोग की अपील की।

Point of View

बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। हमें इसे संरक्षित करना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इससे प्रेरणा ले सकें।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

प्रदर्शनी का उद्घाटन कब हुआ?
प्रदर्शनी का उद्घाटन 15 दिसंबर को हुआ।
कितने चित्र प्रदर्शित किए गए?
प्रदर्शनी में 48 चित्र इलाहाबाद संग्रहालय और 35 चित्र सिटी पैलेस संग्रहालय से प्रदर्शित किए गए।
राज्यपाल ने किस विद्यालय की छात्राओं को सम्मानित किया?
राज्यपाल ने गवर्नमेंट गर्ल्स सेकेंडरी स्कूल, उदयपुर की छात्राओं को सम्मानित किया।
क्या मेवाड़ कला शैली का महत्व है?
मेवाड़ कला शैली भारतीय संस्कृति की जीवित स्मृतियां हैं, जो आज भी प्रेरणा देती हैं।
राज्यपाल ने किस अभियान का उल्लेख किया?
राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश में बालिकाओं के लिए संचालित निःशुल्क एचपीवी टीकाकरण अभियान का उल्लेख किया।
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