क्या दुलारचंद हत्याकांड के बाद अनंत सिंह की गिरफ्तारी से जांच तेज हुई?

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क्या दुलारचंद हत्याकांड के बाद अनंत सिंह की गिरफ्तारी से जांच तेज हुई?

सारांश

मोकामा विधानसभा क्षेत्र में हुई हिंसक झड़प के बाद अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। 75 वर्षीय दुलारचंद यादव की मौत के मामले में हुई कार्रवाई से चुनावी माहौल में उथल-पुथल मच गई है। जानिए इस मामले की पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • मोकामा में हुई हिंसक झड़प ने चुनावी माहौल को प्रभावित किया।
  • अनंत सिंह समेत तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई।
  • पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार दुलारचंद यादव की मृत्यु का कारण वाहन से कुचलना बताया।

पटना, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच मोकामा विधानसभा क्षेत्र में 30 अक्टूबर को हुई हिंसक झड़प ने राजनीतिक माहौल में हलचल पैदा कर दी है। जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार पियूष प्रियदर्शी के समर्थक 75 वर्षीय दुलारचंद यादव की मृत्यु के मामले में जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने की पुष्टि नहीं हुई, बल्कि वाहन से कुचलने के कारण मृत्यु हुई।

यह घटना करीब 3:30 बजे घोसवरी और भदौर थाना क्षेत्र की सीमाओं पर हुई। अनंत सिंह और पियूष प्रियदर्शी के काफिले संकरे रास्ते से गुजर रहे थे। रास्ता देने को लेकर हुआ विवाद पथराव में बदल गया। अनंत सिंह के 10-12 वाहन क्षतिग्रस्त हुए, जबकि प्रियदर्शी के तीन वाहनों को नुकसान पहुंचा। इस झड़प में दर्जनों लोग घायल हुए, जिनमें स्थानीय निवासी भी शामिल थे। दुलारचंद यादव, तारतर जागीर टोला के निवासी, पैर में चोट लगने के बाद गाड़ी के नीचे आ गए, जिससे उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।

पुलिस ने घटनास्थल पर 10 मिनट के भीतर पहुंचकर स्थिति को संभाला। मृतक के परिजनों ने अनंत सिंह सहित पांच नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। दूसरी ओर, प्रियदर्शी के समर्थकों ने छह नामजद और अज्ञात पर केस किया। भदौर और पंडारक थाना अध्यक्षों ने कुल दो प्राथमिकियां दर्ज की, जिसमें 3 नामजद और 20-25 अज्ञात शामिल हैं। अंचल अधिकारी ने दोनों प्रत्याशियों पर आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया। पटना पुलिस, सीआईडी और एफएसएल टीम ने वीडियो फुटेज, गवाहों के बयान और साक्ष्य इकट्ठा किए।

1 नवंबर रात को, पटना पुलिस ने अनंत सिंह को उनके निवास से गिरफ्तार किया। उनके साथ मणिकांत ठाकुर (नदवा) और रंजीत राम उर्फ दिमागी (बाढ़) को भी हिरासत में लिया गया। तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। रोथेबाजी के आरोप में भदौर थाने के चार आरोपी गिरफ्तार हुए। शव यात्रा के दौरान तोड़फोड़ में 25 लोगों को बाढ़ अनुमंडल के थानों ने पकड़ा। कुल 80 संदिग्धों से पूछताछ जारी है। जप्त वाहनों का सत्यापन भी चल रहा है।

पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि सीएपीएफ की 13 कंपनियां, एसटीएफ की दो यूनिट और क्यूआरटी की चार टीमें तैनात की गई हैं। एसपी ग्रामीण के नेतृत्व में छापेमारी और गश्त बढ़ाई गई है। भदौर और घोसवरी थानाध्यक्षों को निलंबित कर दिया गया है। अनंत सिंह, पियूष प्रियदर्शी और वीणा देवी (राजद प्रत्याशी) को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की गई है। वीडियो फुटेज के माध्यम से सभी उपद्रवियों की पहचान हो रही है, और गिरफ्तारियां जारी रहेंगी।

गिरफ्तारी के बाद अनंत सिंह ने फेसबुक पर लिखा: "सत्यमेव जयते... अब चुनाव मोकामा की जनता लड़ेगी।"

Point of View

और ऐसे घटनाक्रमों से समाज में और भी विभाजन उत्पन्न हो सकता है। सभी पक्षों की आवाज़ सुनी जानी चाहिए, खासकर उन लोगों की जो इस हिंसा के शिकार हुए हैं।
NationPress
18/12/2025

Frequently Asked Questions

दुलारचंद यादव की मौत कैसे हुई?
पुलिस का दावा है कि दुलारचंद यादव की मौत गोली लगने से नहीं, बल्कि वाहन से कुचलने के कारण हुई।
अनंत सिंह की गिरफ्तारी कब हुई?
अनंत सिंह को 1 नवंबर की रात पटना पुलिस ने उनके निवास से गिरफ्तार किया।
इस मामले में कितने लोग गिरफ्तार हुए हैं?
इस मामले में अनंत सिंह के अलावा अन्य दो लोग भी गिरफ्तार किए गए हैं।
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