क्या मानसून सत्र में स्वयं प्रधानमंत्री गंभीर बहसों पर उत्तर देंगे?

सारांश
Key Takeaways
- मानसून सत्र का आरंभ 21 जुलाई से होगा।
- विपक्ष कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सवाल उठाएगा।
- प्रधानमंत्री को गंभीर बहसों पर उत्तर देने की अपेक्षा है।
नई दिल्ली, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संसद का मानसून सत्र सोमवार से आरंभ होने जा रहा है। इससे पहले एक सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया। राज्यसभा सांसद और प्रमुख कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि इस सत्र के दौरान विपक्ष सरकार से पहलगाम आतंकी हमले, जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने, मणिपुर हिंसा, बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण और विदेश नीति जैसे मुद्दों पर सवाल पूछेगा। उन्होंने यह भी कहा है कि स्वयं प्रधानमंत्री मानसून सत्र में गंभीर बहसों पर उत्तर दें।
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मोदी सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में, उनके सहयोगी गौरव गोगोई, जो लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता हैं, ने कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए, जिनमें पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, सीडीएस, उप सेना प्रमुख और राष्ट्रपति ट्रंप के बयान, वोटबंदी की कवायद शामिल हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना, लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देना और मणिपुर की स्थिति सहित चीन से संबंधित विदेश नीति की चुनौतियों पर भी सरकार से सवाल होंगे।
उन्होंने इन मुद्दों पर प्रधानमंत्री द्वारा उत्तर दिए जाने पर जोर दिया।
गौरतलब है कि 21 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि संसद की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए पक्ष और विपक्ष को मिलकर काम करना होगा।