क्या मुख्य चुनाव आयुक्त का बिहार चुनाव में शांति का आश्वासन है?

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क्या मुख्य चुनाव आयुक्त का बिहार चुनाव में शांति का आश्वासन है?

सारांश

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए शांति और पारदर्शिता का आश्वासन दिया है। उन्होंने हिंसा के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को दोहराया और सभी मतदाताओं से मताधिकार का उपयोग करने की अपील की। बिहार में चुनाव की स्थिति क्या होगी, जानें इस लेख में।

Key Takeaways

  • बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण 6 नवंबर को है।
  • मुख्य चुनाव आयुक्त ने जीरो टॉलरेंस की नीति की पुष्टि की है।
  • मतगणना 14 नवंबर को होगी।
  • बिहार के सभी मतदाताओं से मताधिकार का उपयोग करने की अपील की गई है।
  • हालिया हिंसा ने चुनावी माहौल को प्रभावित किया है।

कानपुर, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिहार में शांतिपूर्ण और पारदर्शी विधानसभा चुनाव का आश्वासन दिया और हिंसा के प्रति जीरो टॉलरेंस की बात दोहराई।

उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि चुनाव आयोग किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगा। बिहार में चुनाव शांतिपूर्ण, कानूनी और पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित होंगे और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक मतदाता अपनी इच्छा व्यक्त कर सके और इस लोकतांत्रिक उत्सव में भाग ले सके।

ज्ञानेश कुमार ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बिहार के सभी मतदाता अपने मताधिकार का सही इस्तेमाल करेंगे।

बिहार चुनाव का पहला चरण 6 नवंबर, दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा। वहीं, मतगणना 14 नवंबर को होगी।

इससे पहले, कानपुर में माथुर वैश्य समाज द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने बिहार मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को मतदाता सूची के शुद्धिकरण के लिए दुनिया की सबसे बड़ी कवायद बताया।

उन्होंने कहा कि जिस दिन 12 राज्यों के 51 करोड़ मतदाताओं के नाम वाली मतदाता सूची शुद्ध होगी, वह ऐतिहासिक दिन होगा और ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जब पूरे देश में एसआईआर पूरा होगा, तो आपको अपने ईसीआई और सीईसी पर गर्व महसूस होगा।

बिहार चुनाव में किसी भी प्रकार की हिंसा न होने देने का आश्वासन मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने राज्य पुलिस द्वारा देर रात की कार्रवाई में मोकामा से अनंत सिंह को दुलारचंद यादव की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटों बाद दिया।

पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्तिकेय शर्मा द्वारा पुष्टि की गई यह गिरफ्तारी 6 नवंबर को होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से कुछ दिन पहले हुई है, जिससे राज्य के राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई है।

अधिकारियों के अनुसार, यह हिंसक घटना 30 अक्टूबर को मोकामा के खुशहाल चक के पास हुई। जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी, जिन्हें लल्लू मुखिया के नाम से भी जाना जाता है, अपने समर्थकों के साथ प्रचार कर रहे थे। उनके साथ 75 वर्षीय दुलारचंद यादव भी थे।

लगभग उसी समय, अनंत सिंह और उनके समर्थक कथित तौर पर उसी रास्ते से गुजर रहे थे। दोनों गुटों के बीच बहस हिंसक झड़प में बदल गई, जिसमें पथराव और मारपीट हुई। इस अफरातफरी में दुलारचंद यादव को गंभीर चोटें आईं और कुछ ही देर बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

उनकी मृत्यु के बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया और स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम बिहार चुनाव की स्थिति को समझें। मुख्य चुनाव आयुक्त का आश्वासन हमें यह विश्वास दिलाता है कि लोकतंत्र की प्रक्रियाएँ सुरक्षित और शांतिपूर्ण होंगी। हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कैसे चुनावी प्रक्रिया को बेहतर बनाया जा सकता है।
NationPress
02/11/2025

Frequently Asked Questions

बिहार विधानसभा चुनाव कब हो रहे हैं?
बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने क्या आश्वासन दिया है?
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिहार में शांतिपूर्ण और पारदर्शी चुनाव का आश्वासन दिया है।
मतगणना कब होगी?
मतगणना 14 नवंबर को होगी।
हिंसा के प्रति आयोग की नीति क्या है?
चुनाव आयोग ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।
क्या बिहार में हिंसा की घटनाएँ हो रही हैं?
हाल ही में मोकामा में हुई हिंसक घटना ने चिंता बढ़ा दी है।