क्या मुख्य सचिव ने फार्मर रजिस्ट्री में सुस्ती और पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया?
सारांश
Key Takeaways
- मुख्य सचिव ने फार्मर रजिस्ट्री की गति में सुधार का निर्देश दिया।
- पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- पीएम सूर्यघर योजना में उत्तर प्रदेश को नंबर वन बनाना है।
- जिलाधिकारियों को समयबद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।
- रानी लक्ष्मीबाई कोष की समीक्षा में अच्छे प्रदर्शन की प्रशंसा हुई।
लखनऊ, १२ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एसपी गोयल ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित की। इस बैठक में फार्मर रजिस्ट्री, पराली प्रबंधन, पीएम सूर्यघर योजना और रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष की समीक्षा की गई। उन्होंने इन योजनाओं की प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए जिलाधिकारियों को सख्त और समयबद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि फार्मर रजिस्ट्री की प्रक्रिया बहुत धीमी चल रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत पंजीकृत किसानों के लिए फार्मर रजिस्ट्री में नाम दर्ज कराना आवश्यक है। उन्होंने एक सप्ताह के भीतर लक्ष्यों के अनुसार प्रगति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया और चेतावनी दी कि लापरवाह अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारियों को दैनिक समीक्षा करने, गांवों में शिविर आयोजित करने, और किसानों को पूर्व सूचना देकर अधिकतम पंजीकरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
मुख्य सचिव ने पराली प्रबंधन के विषय में कहा कि किसानों को फसल के अवशेष जलाने के बजाय वैकल्पिक उपायों के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि यदि कोई किसान पराली जलाते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। रानी लक्ष्मीबाई कोष की समीक्षा में फर्रुखाबाद और खीरी की प्रशंसा की गई।
मुख्य सचिव ने बताया कि फर्रुखाबाद और खीरी जिलों ने रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के सभी लंबित प्रकरणों का निस्तारण कर दिया है। अन्य जिलों को निर्देश दिया गया कि वे भी १५ दिनों में सभी लंबित प्रकरणों का निपटारा करें। जिला स्तरीय समितियों को साप्ताहिक बैठकें आयोजित करने और नोडल पुलिस और चिकित्सा अधिकारियों को सक्रिय भूमिका निभाने का निर्देश दिया गया।
मुख्य सचिव ने पीएम सूर्यघर योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य को इस योजना में देश में नंबर वन बनाना है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों, सरकारी कर्मियों और प्रबुद्ध नागरिकों से अपील की कि वे अधिक से अधिक लोगों को सोलर पैनल लगाने के लिए प्रेरित करें। ऊर्जा विभाग, बैंक अधिकारियों और विक्रेताओं के बीच बेहतर समन्वय के लिए डीएम को मासिक और सीडीओ को साप्ताहिक बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में यह भी बताया गया कि उत्तर प्रदेश में अब तक ९४६.०८ मेगावाट घरेलू रूफटॉप सौर संयंत्र क्षमता स्थापित की जा चुकी है, जिससे ३८०० एकड़ भूमि की बचत और ४८,००० लोगों को रोजगार मिला है। राज्य ने ३९,७३५ करोड़ रुपये के सौर पैनल खरीदे, जिससे ४७६ करोड़ रुपये का जीएसटी लाभ प्राप्त हुआ। जुलाई २०२५ से यूपी ने मासिक सोलर स्थापना में गुजरात और महाराष्ट्र को पीछे छोड़ दिया है।