क्या मुंबई के चेंबूर में काली माता को मदर टेरेसा का रूप देने से विवाद उत्पन्न हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- काली माता की प्रतिमा में परिवर्तन ने विवाद खड़ा किया।
- पुजारी ने देवी के आदेश का हवाला दिया।
- स्थानीय संगठनों ने विरोध किया।
- पुलिस ने पुजारी को गिरफ्तार किया।
- मामले की जांच जारी है।
मुंबई, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। चेंबूर क्षेत्र के एक मंदिर में काली माता की प्रतिमा को मदर टेरेसा के स्वरूप में परिवर्तित करने के बाद, स्थानीय भक्तों और कुछ हिंदू संगठनों ने तीव्र विरोध व्यक्त किया। इसके परिणामस्वरूप पुलिस ने विवादित पुजारी को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के अनुसार, मंदिर में दर्शन करने आए कुछ श्रद्धालुओं ने देखा कि काली माता की पारंपरिक मूर्ति के वस्त्र और स्वरूप को बदलकर उसे मदर टेरेसा जैसा बना दिया गया है। इस दृश्य पर श्रद्धालुओं ने आपत्ति जताई और तुरंत मंदिर प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। यह जानकर हिंदू संगठन भी मौके पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करने लगे।
पुलिस पूछताछ में पुजारी ने एक असामान्य कारण बताया। उसके अनुसार, उसने यह परिवर्तन किसी धार्मिक या सामाजिक उद्देश्य से नहीं किया, बल्कि उसे काली माता ने सपने में आकर ऐसा करने का निर्देश दिया था।
पुजारी का कहना था कि देवी के 'आदेश' के सम्मान में ही उसने प्रतिमा को नया स्वरूप दिया। हालाँकि, श्रद्धालुओं और संगठनों ने इस तर्क को खारिज कर दिया और इसे धार्मिक भावनाओं के प्रति अपमानजनक कदम बताया।
स्थानीय हिंदू संगठनों ने तुरंत इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि देवी-देवताओं के स्वरूप में इस तरह के परिवर्तन न केवल धार्मिक भावनाओं का अपमान हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी प्रभावित कर सकते हैं। बढ़ते विरोध को देखते हुए पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुजारी को हिरासत में लिया और बाद में औपचारिक रूप से मामला दर्ज किया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच जारी है और यह पता लगाया जा रहा है कि पुजारी ने यह कदम अकेले उठाया था या इसके पीछे किसी अन्य व्यक्ति या समूह का हाथ था। वर्तमान में मंदिर परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और माहौल को शांत बनाए रखने के लिए पुलिस की गश्त जारी है। गांव में भी पुलिस बल तैनात किया गया है, जो क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखेगा।