क्या मुंबई में पहलगाम आतंकी हमले के नाम पर 70 लाख की ठगी हुई?

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क्या मुंबई में पहलगाम आतंकी हमले के नाम पर 70 लाख की ठगी हुई?

सारांश

मुंबई में एक बुजुर्ग को पहलगाम आतंकी हमले के नाम पर ठगों ने 70 लाख रुपये का शिकार बना लिया। ठगों ने डिजिटल अरेस्ट का सहारा लेकर बुजुर्ग को धोखा दिया। क्या पुलिस उन्हें पकड़ पाएगी?

Key Takeaways

  • साइबर सुरक्षा में बढ़ती जागरूकता बेहद आवश्यक है।
  • डिजिटल धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए।
  • पुलिस कार्रवाई में तेजी लाना जरूरी है।

मुंबई, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई के पराल क्षेत्र में एक चौंकाने वाला डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। ठगों ने 73 वर्षीय एक बुजुर्ग व्यक्ति, जो कि आदित्य बिड़ला ग्रुप के पूर्व प्रबंध निदेशक हैं, को अपना निशाना बनाया।

ठगों ने यह दावा किया कि कश्मीर के पहलगाम में हुए एक कथित आतंकी हमले की जांच में पीड़ित का नाम शामिल है। इस झूठे आरोप और गिरफ्तारी के भय से पीड़ित ने अपनी जीवनभर की कमाई में से 70 लाख रुपये ठगों के खातों में ट्रांसफर कर दिए।

मुंबई के आरएके मार्ग पुलिस थाने ने तीन अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धाराओं 204, 205, 308(2), 308(3), 318(2), 319(2), 336(2), 340(2), 3(5) और आईटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

पुलिस के अनुसार, पीड़ित को एक महिला का फोन आया, जिसने खुद को दिल्ली के एटीएस कंट्रोल रूम की अधिकारी विनीता शर्मा बताया। उसने कहा कि पीड़ित के मोबाइल नंबर और आधार कार्ड का उपयोग संदिग्ध गतिविधियों में किया गया है। इसके बाद एक वीडियो कॉल पर, एक व्यक्ति जो खुद को आईजी प्रेमकुमार गौतम बताता है, पुलिस की वर्दी में नजर आया। उसने पीड़ित को गिरफ्तारी, बैंक खाता सीज करने और पासपोर्ट ब्लॉक करने की धमकी दी। ठगों ने पीड़ित से उनकी राजनीतिक विचारधारा, आय, बैंक खातों, फिक्स्ड डिपॉजिट, स्टॉक होल्डिंग्स और पत्नी की जानकारी भी जुटाई।

ठगों ने आरबीआई के फर्जी नियमों का हवाला देते हुए कहा कि पीड़ित के पैसे को "व्हाइट मनी" प्रमाणित करना जरूरी है। इस धोखे में आकर पीड़ित ने तीन अलग-अलग खातों में 70 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। ठगों ने व्हाट्सऐप पर फर्जी आरबीआई पावती भी भेजी।

इसके अलावा, उन्होंने पीड़ित के मोबाइल, उनकी पत्नी के फोन और घर के कंप्यूटर की निगरानी करने की बात कहकर उन्हें बंद करवा दिया और किसी से संपर्क न करने का निर्देश दिया। इससे पीड़ित मानसिक तनाव में आ गए।

28 सितंबर को ठगों ने 1 करोड़ की फिक्स्ड डिपॉजिट ट्रांसफर करने का दबाव बनाया। तब पीड़ित को ठगी का शक हुआ और उन्होंने आरएके मार्ग पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की। मुंबई साइबर क्राइम विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया है। पुलिस ने ठगों के व्हाट्सऐप संदेश, ऑडियो रिकॉर्डिंग और बैंक विवरण जब्त कर लिए हैं। साइबर ट्रेल और बैंक खातों के माध्यम से आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए जांच तेज कर दी गई है।

Point of View

बल्कि यह हमारे समाज में बढ़ती साइबर अपराध की प्रवृत्ति को भी दर्शाता है। हमें सतर्क रहना होगा और ऐसी घटनाओं से सीख लेकर जागरूकता बढ़ानी होगी।
NationPress
01/10/2025

Frequently Asked Questions

पुलिस ने क्या कदम उठाए हैं?
पुलिस ने मामले में तीन अज्ञात आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की है और जांच शुरू कर दी है।
ठगों ने बुजुर्ग से किस प्रकार की जानकारी ली?
ठगों ने बुजुर्ग से उनकी राजनीतिक विचारधारा, आय, बैंक खातों और अन्य व्यक्तिगत जानकारियाँ जुटाई।
क्या पुलिस ने ठगों के खिलाफ कोई सबूत इकट्ठा किया है?
हाँ, पुलिस ने ठगों के व्हाट्सऐप संदेश, ऑडियो रिकॉर्डिंग और बैंक विवरण जब्त कर लिए हैं।