क्या नेशनल हेराल्ड मामले में एफआईआर दर्ज करना, जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश है?
सारांश
Key Takeaways
- नेशनल हेराल्ड मामले में एफआईआर दर्ज होना राजनीतिक बयानबाजी को बढ़ाता है।
- कांग्रेस सांसद ने इसे ध्यान भटकाने की कोशिश कहा है।
- शीतकालीन सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे।
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर एफआईआर दर्ज होने के बाद राजनीतिक बयानबाजी में वृद्धि हुई है। इस संदर्भ में, कांग्रेस सांसद चमला किरण कुमार रेड्डी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाया कि वह जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है।
कांग्रेस सांसद चमला किरण कुमार रेड्डी ने राष्ट्र प्रेस से संवाद करते हुए कहा, "शीतकालीन सत्र से पहले यह एफआईआर एक रणनीति के तहत जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास प्रतीत होती है। नेशनल हेराल्ड केस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई मनी लॉन्ड्रिंग या वित्तीय गड़बड़ी नहीं हुई है, फिर भी ऐसी गतिविधियाँ जारी हैं, जो स्पष्ट रूप से गांधी परिवार को बदनाम करने के लिए राजनीतिक प्रतिशोध का संकेत देती हैं।"
दिल्ली के शीतकालीन सत्र की संक्षिप्तता पर उन्होंने सरकार पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, "यह 15 दिन का सत्र जल्दीबाजी में आयोजित किया गया है, जिसका उद्देश्य लोगों या देश की समस्याओं का समाधान करने के बजाय सरकार का एजेंडा आगे बढ़ाना है।"
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा, "हम भारत में लोकतंत्र को संरक्षित करना चाहते हैं। भारत का लोकतंत्र अभी समझौतावादी स्थिति में है। चुनाव आयोग की प्रक्रिया एक पार्टी की तरह कार्य कर रही है। हमें इसे रोकने की आवश्यकता है। इसलिए एसआईआर वोट-शोरिंग के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। मैंने एक स्थगन प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया है। इस मामले पर इंडिया ब्लॉक के नेताओं की बैठक में निर्णय लिया जाएगा।"
गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार से हो गई है। यह सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 19 दिन के कार्यक्रम में 15 बैठकें होंगी। सरकार इस सत्र में 13 विधेयक पेश करने के लिए तैयार है, जिनमें बड़े आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित विधेयक शामिल हैं।
सत्र से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए सांसदों से अनुरोध किया कि वे सदन में हंगामा न करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि संसद परिसर में नाटक करने के लिए कई स्थान हैं, लेकिन सदन में हंगामे की कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि सदन में डिलीवरी होनी चाहिए, न कि ड्रामा।