क्या नवीन पटनायक दिल्ली में आर्ट एग्जीबिशन देखने पहुंचे?

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क्या नवीन पटनायक दिल्ली में आर्ट एग्जीबिशन देखने पहुंचे?

सारांश

दिल्ली में आयोजित एक कला प्रदर्शनी में नवीन पटनायक की उपस्थिति ने भारतीय समुद्री विरासत को नई पहचान दी है। जानें इस प्रदर्शनी की खासियत और इसमें शामिल कलाकारों के योगदान के बारे में।

Key Takeaways

  • नवीन पटनायक का कला प्रदर्शनी में हिस्सा लेना ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।
  • प्रदर्शनी में दक्षिण एशिया की प्राचीन कला और संस्कृति को प्रस्तुत किया गया।
  • इसमें शामिल कलाकारों ने अपनी कला के माध्यम से प्राचीन भारतीय शिल्प को जीवित किया है।
  • यह प्रदर्शनी भारत के समुद्री व्यापार के ऐतिहासिक संबंधों की याद दिलाती है।
  • भविष्य में भी इस तरह की पहलों का जारी रहना महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बीजू जनता दल के अध्यक्ष और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक वर्तमान में 4 दिवसीय दिल्ली दौरे पर हैं। उन्होंने सोमवार को दिल्ली में स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित एक भव्य कला प्रदर्शनी ‘यात्राएं: प्राचीन समुद्री रेशम मार्ग’ का दौरा किया। इस अनुभव को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो साझा करके बताया।

पटनायक ने इस प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह भारत की समुद्री विरासत को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने लिखा कि यह प्रदर्शनी जया मणि द्वारा क्यूरेट की गई है, जिसमें दक्षिण एशिया के तटीय क्षेत्रों, विशेषकर ओडिशा और अन्य तटीय राज्यों की प्राचीन कला और संस्कृति को सुंदर तरीके से पेश किया गया है।

उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी उन कलात्मक और सांस्कृतिक धागों को जोड़ती है, जो सदियों पहले तटवर्ती क्षेत्रों के बीच विकसित हुए थे और जो भारत को वैश्विक व्यापार और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाने में सहायक थे।

प्रदर्शनी में विशेष रूप से केरल के प्रसिद्ध भित्ति चित्र कलाकार सुरेश मुथुकुलम और वस्त्र कलाकार गुंजन जैन के योगदान को सराहा गया। इन दोनों कलाकारों ने मिलकर प्राचीन भारतीय शिल्प, हथकरघा और चित्रकला की समृद्ध परंपराओं को जीवित किया है।

पटनायक ने उल्लेख किया कि यह प्रदर्शनी केवल कला का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक यादों को पुनर्जीवित करने का एक साधन है। यह उन ऐतिहासिक संबंधों की याद दिलाती है जो भारत और समुद्री रेशम मार्ग पर बसे अन्य देशों के बीच प्रचलित थे।

इस प्रदर्शनी में ओडिशा की पारंपरिक कला और समुद्री इतिहास को विशेष महत्व दिया गया है, जो यह दिखाता है कि किस प्रकार ओडिशा प्राचीन काल में व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। पटनायक ने आशा व्यक्त की कि इस तरह की पहलों का सिलसिला भविष्य में भी जारी रहेगा और भारतीय सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर मजबूती से पेश करेगा।

Point of View

भारतीय संस्कृति और कला के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह प्रदर्शनी न केवल ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करती है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भारतीय कला को पहचान दिलाने का अवसर भी प्रदान करती है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

नवीन पटनायक ने प्रदर्शनी में क्या सराहा?
नवीन पटनायक ने प्रदर्शनी के माध्यम से भारत की समृद्ध समुद्री विरासत को उजागर करने के प्रयास की सराहना की।
इस प्रदर्शनी में कौन-कौन से कलाकार शामिल हैं?
इस प्रदर्शनी में केरल के भित्ति चित्र कलाकार सुरेश मुथुकुलम और वस्त्र कलाकार गुंजन जैन शामिल हैं।
प्रदर्शनी का उद्देश्य क्या है?
प्रदर्शनी का उद्देश्य प्राचीन कला और संस्कृति को प्रस्तुत करना और भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करना है।