क्या एनडीए की छोटी कुमारी और राजद के खेसारी लाल यादव के बीच छपरा सीट पर मुकाबला होगा?
सारांश
Key Takeaways
- खेसारी लाल यादव और छोटी कुमारी के बीच कड़ा मुकाबला है।
- छपरा सीट भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है।
- खेसारी पहली बार चुनावी लड़ाई में हैं।
- छोटी कुमारी ने जिला परिषद की अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है।
नई दिल्ली, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सुबह से ही वोटों की गिनती प्रारंभ हो चुकी है। छपरा सीट पर राजद के प्रत्याशी और भोजपुरी सिंगर खेसारी लाल यादव और एनडीए की छोटी कुमारी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। इन दोनों के बीच कम वोटों का फासला देखा जा रहा है।
भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव आरजेडी के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं और एनडीए की छोटी कुमारी को जबरदस्त टक्कर दे रहे हैं। छोटी कुमारी फिलहाल तीन हजार से अधिक वोटों से पहले नंबर पर चल रही हैं, जबकि खेसारी दूसरे नंबर पर हैं।
पहले खेसारी आगे चल रहे थे, लेकिन अब वे पीछे हो गए हैं। जन सुराज पार्टी के जय प्रकाश सिंह तीसरे नंबर पर हैं। हालांकि, असली मुकाबला खेसारी और छोटी कुमारी के ही बीच है।
बिहार विधानसभा चुनावों में खेसारी लाल यादव ने एनडीए के स्टार प्रचारकों और सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने कई बार यह बात कही कि एनडीए सरकार के बीस साल के शासन में बिहार में किसी प्रकार का विकास नहीं हुआ है, जिससे वहां के युवा बाहर जाकर कमाने के लिए मजबूर हैं।
पहले छपरा सीट से खेसारी लाल यादव की पत्नी चंदा देवी को उतारा गया था, लेकिन एक दिन बाद ही खेसारी को चुनाव मैदान में उतार दिया गया। खेसारी ने पूरे दमखम और सोशल मीडिया के जरिए जनता तक अपनी बात पहुँचाने का प्रयास किया। उनके गानों और फिल्मों की वजह से बिहार में उनकी लोकप्रियता काफी ज्यादा है। खेसारी पहली बार चुनावी लड़ाई में उतरे हैं और पहली ही बार में बड़ी पार्टी की प्रत्याशी को टक्कर दे रहे हैं।
बता दें कि छपरा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार को मिलाकर 10 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
छपरा सीट भाजपा के लिए बहुत खास है क्योंकि यहां पर ज्यादातर भाजपा का ही दबदबा रहा है। साल 2010, 2015 और 2020 में भाजपा ने ही छपरा पर राज किया है, लेकिन इस बार भाजपा ने छोटी कुमारी को चुनावी मैदान में उतारा है, जो विधानसभा चुनावों के लिए नया चेहरा हैं। वे जिला परिषद की अध्यक्ष रह चुकी हैं।