क्या नींद न आने से हैं परेशान? घर पर ये तरीके आजमाने से होगी शिकायत दूर!

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क्या नींद न आने से हैं परेशान? घर पर ये तरीके आजमाने से होगी शिकायत दूर!

सारांश

क्या आप भी रात को नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हैं? जानिए आयुर्वेद के सरल उपायों से कैसे प्राप्त करें गहरी नींद और ताजगी।

Key Takeaways

  • सोने से पहले मानसिक शांति
  • हर रात गुनगुना पानी
  • हल्दी वाला दूध का सेवन
  • पैरों की मालिश
  • कमरे में हल्की रोशनी

नई दिल्ली, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिनभर की थकान के बावजूद रात को नींद का न आना, बार-बार नींद का टूटना और सुबह उठते ही चिड़चिड़ापन, ये सब निद्रा विकार के संकेत हैं। आयुर्वेद इनसे मुक्ति पाने के लिए कुछ सरल उपाय सुझाता है।

आज के समय में निद्रा विकार से कितने ही लोग परेशान हैं। आयुर्वेद के अनुसार अनिद्रा का प्रमुख कारण बढ़ा हुआ वात दोष, कमजोर पाचन अग्नि और मानसिक तनाव है। वहीं विज्ञान के अनुसार मोबाइल की नीली रोशनी, अनियमित दिनचर्या और तनाव मिलकर मेलाटोनिन हार्मोन को कम कर देते हैं, जो अनिद्रा का कारण बनते हैं।

आयुर्वेद में बताया गया है कि सोने से पहले छोटे-छोटे कार्य करके गहरी और शांत नींद प्राप्त की जा सकती है। ये उपाय आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों से प्रमाणित हैं।

सोने से कम से कम 1 घंटे पहले अपने मन को पूरी तरह से शांत करें। फोन, टीवी, लैपटॉप को दूर रख दें। 4-5 मिनट गहरी और धीमी सांस लें। यदि दिनभर की चिंताएं आपके मन में चल रही हैं, तो उन्हें एक कागज पर लिखकर अलग रख दें। इससे आपका मन हल्का होता है और नींद जल्दी आती है। आयुर्वेद कहता है कि शांत मन ही अच्छी नींद का पहला द्वार है।

पैरों की हल्की मालिश या गुनगुना पानी पीना भी फायदेमंद होता है। रात को सोने से पहले देसी घी, तिल के तेल या नारियल तेल से पैरों के तलुओं की 5-7 मिनट मालिश करें। इससे नसें शांत होती हैं। यदि मालिश नहीं करना चाहते हैं, तो केवल एक गिलास हल्का गुनगुना पानी पी लें। यह पाचन को शांत करता है और शरीर को रिलैक्स मोड में लाता है।

रात में सोने से पहले कुछ गर्म पेय लेना लाभकारी होता है। सोने से 30-40 मिनट पहले हल्का गर्म हल्दी वाला दूध, अश्वगंधा या ब्राह्मी वाला दूध, तुलसी-अदरक की हर्बल चाय। ये पेय तनाव को कम करते हैं और शरीर को गहरी नींद के लिए तैयार करते हैं।

इसके अलावा सोने वाले कमरे में हल्की रोशनी रखें। तापमान मौसम के अनुसार संतुलित रखें। सोने से पहले लैवेंडर या चंदन की हल्की खुशबू का भी उपयोग करें।

आयुर्वेद के सुझाए गए इन उपायों को नियमित रूप से अपनाने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है। सुबह ताजगी और दिनभर ऊर्जा बनी रहती है। हालांकि यदि अनिद्रा लंबे समय से है, तो डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम नींद की समस्याओं को गंभीरता से लें, क्योंकि यह न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करता है बल्कि समाज की समग्र उत्पादकता को भी। आयुर्वेद के सरल और प्रभावी उपायों का उपयोग करके, हम इस समस्या को आसानी से हल कर सकते हैं और अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

अनिद्रा के क्या कारण हो सकते हैं?
अनिद्रा के कई कारण हो सकते हैं, जैसे मानसिक तनाव, अनियमित दिनचर्या, और पाचन संबंधी समस्याएँ।
क्या आयुर्वेदिक उपायों से नींद की समस्या दूर की जा सकती है?
जी हां, आयुर्वेदिक उपाय जैसे हर्बल चाय और हल्दी वाला दूध नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं।
सोने से पहले क्या करना चाहिए?
सोने से पहले मन को शांत करना, तकनीकी उपकरणों से दूरी बनाना और गहरी सांस लेना फायदेमंद होता है।
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