क्या नेत्र तर्पण आंखों को आराम देने का प्रभावी तरीका है?
सारांश
Key Takeaways
- नेत्र तर्पण आंखों को गहरा पोषण और ठंडक प्रदान करता है।
- यह प्रक्रिया आंखों को स्वस्थ और तनावमुक्त रखती है।
- त्रिफला जल का उपयोग आंखों के लिए बेहद लाभकारी है।
- पैरों की तेल मालिश आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करती है।
- प्रशिक्षित वैद्य से ही नेत्र तर्पण कराना चाहिए।
नई दिल्ली, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। डिजिटल युग में स्क्रीन समय बढ़ने के साथ ही आंखों की समस्याओं में तेजी आई है। अधिकांश लोग आंखों से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। आयुर्वेद में आंखों को आराम पहुँचाने का एक प्रभावी उपाय है जिसे नेत्र तर्पण कहा जाता है।
मध्य प्रदेश सरकार का आयुष विभाग आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने और उससे जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के लिए आयुर्वेदिक उपचारों को अपनाने की सलाह देता है। विभाग के अनुसार, नेत्र तर्पण आंखों को स्वस्थ, चमकदार और तनावमुक्त बनाए रखने में सहायक है।
नेत्र तर्पण आंखों को गहरा पोषण और ठंडक प्रदान करता है। इस प्रक्रिया में वैद्य की देखरेख में आंखों के चारों ओर गेहूं के आटे से एक गोलाकार घेरा बनाया जाता है। इसमें शुद्ध गाय का घी, जो औषधीय जड़ी-बूटियों से युक्त और गुनगुना होता है, धीरे-धीरे भरा जाता है। मरीज को 10-15 मिनट तक आंखें बंद करके लेटना होता है। यह प्रक्रिया आंखों की मांसपेशियों को आराम देती है, सूखापन दूर करती है, जलन और लालिमा को कम करती है, और धुंधली दृष्टि की समस्या से राहत देती है।
आयुष विभाग यह सलाह देता है कि नेत्र तर्पण केवल प्रशिक्षित वैद्य से ही करवाना चाहिए। इसके अलावा, त्रिफला जल और पैरों की तेल मालिश जैसी प्राचीन विधियाँ भी सरल और घरेलू उपाय हैं, जो आंखों के लिए लाभकारी हैं।
इसके लिए रात को पानी में त्रिफला चूर्ण भिगो दें। सुबह इसे छानकर इस जल से आंखें धोएं। यह आंखों को संक्रमण से बचाता है और दृष्टि को तेज करने में मदद करता है।
पैरों की तेल मालिश भी आंखों के लिए बेहद लाभकारी है। सोने से पहले तलवों पर गाय का घी या तिल का तेल लगाकर हल्की मालिश करने से आराम मिलता है।
पैरों में आंखों से जुड़े एक्यूप्रेशर बिंदु होते हैं। यह मालिश तनाव कम करती है, नींद में सुधार करती है, और आंखों की रोशनी को बढ़ाती है। इन उपायों को नियमित रूप से अपनाने से न केवल आंखें स्वस्थ होती हैं, बल्कि इससे जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं।