क्या अखिलेश यादव का दोहरा चरित्र जनता के सामने है? - निरहुआ

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क्या अखिलेश यादव का दोहरा चरित्र जनता के सामने है? - निरहुआ

सारांश

वाराणसी में दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने अखिलेश यादव पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की राजनीति अब सबके सामने स्पष्ट है। क्या अखिलेश यादव का दोहरा चरित्र अब जनता के सामने है?

Key Takeaways

  • दिनेश लाल यादव का कहना है कि अखिलेश यादव का दोहरा चरित्र जनता के सामने है।
  • सपा पर बांटने की राजनीति करने का आरोप।
  • मुख्यमंंत्री योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा।
  • आस्था से दान देने की बात।
  • हिंदू धर्म के खिलाफ बोलने का आरोप।

वाराणसी, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आजमगढ़ के पूर्व भाजपा सांसद और भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पहुंचे, जहाँ उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) और अखिलेश यादव पर तीखा हमला किया। दिनेश ने कहा कि अखिलेश यादव को 'हमार नाम बा कन्हैया' फिल्म देखनी चाहिए, ताकि उन्हें समझ में आए कि पैसा कौन ले रहा है?

भाजपा नेता निरहुआ ने मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव के ब्राह्मण बनाम यादव वाले बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि एक तरफ अखिलेश यादव ब्राह्मण वर्सेस यादव कर रहे हैं, दूसरी तरफ आजमगढ़ में पीडीए कर रहे हैं। ये कैसे चलेगा? जनता अब उनकी राजनीति को समझ चुकी है।

उन्होंने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश और पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा देश आगे बढ़ रहा है। लोग समझते हैं कि सपा केवल बांटने की राजनीति करती है। अगर देश-प्रदेश को आगे बढ़ाना है तो इसके लिए केवल भाजपा और एनडीए ही काम कर रहे हैं।

दिनेश यादव ने अखिलेश यादव के ब्राह्मणों को दान देने के विषय में कहा कि कोई भी जबरदस्ती दान नहीं लेता। लोग अपनी श्रद्धा से दान देते हैं। अखिलेश यादव हमेशा हिंदू धर्म के खिलाफ बोलते हैं और हिंदुओं को टारगेट करते हैं। ऐसा इसलिए करते हैं ताकि मुसलमान खुश हो जाएं, लेकिन मुसलमान ऐसे खुश नहीं होते। पहले उन्हें मुसलमानों के लिए कुछ अच्छा काम करना होगा तब वो खुश होंगे।

उन्होंने कहा कि गृह प्रवेश में काशी के ब्राह्मण को बुलाने पर ये अखिलेश यादव का दोहरा चरित्र है। एक तरफ लड़ाई कर रहे हैं, दूसरी तरफ उन्हें बुला रहे हैं। पंडित का अर्थ होता है ज्ञानी। यदि आपके पास ज्ञान है तो आप पंडित हैं। यदि आप कथा और पूजा-पाठ कर सकते हैं तो आप पंडित हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक बयानबाजियों के बीच जनता को सच्चाई का पता लगाने में समय लगता है। अखिलेश यादव का दोहरा चरित्र अगर स्पष्ट हो रहा है, तो यह उनके लिए एक चेतावनी है। सत्ता की राजनीति में जनता की आवाज़ सर्वोपरि होती है।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

निरहुआ ने अखिलेश यादव पर क्या आरोप लगाए?
निरहुआ ने कहा कि अखिलेश यादव का दोहरा चरित्र है और उन्होंने समाजवादी पार्टी की राजनीति को बांटने वाली बताया।
क्या निरहुआ ने सपा की राजनीति को सकारात्मक बताया?
नहीं, निरहुआ ने सपा की राजनीति को नकारात्मक कहा और भाजपा और एनडीए की प्रशंसा की।