क्या मुजफ्फरपुर की मेयर निर्मला देवी की दोहरी वोटर आईडी पर विवाद सच है?

सारांश
Key Takeaways
- निर्मला देवी के खिलाफ दोहरी वोटर आईडी का विवाद।
- चुनाव आयोग ने 16 अगस्त तक जवाब मांगा।
- तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए।
- बिहार की राजनीति में हलचल।
- फर्जी वोटिंग के आरोपों की जांच आवश्यक।
मुजफ्फरपुर, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा की प्रमुख नेत्री और मुजफ्फरपुर की मेयर निर्मला देवी को दोहरी वोटर आईडी के मामले में नोटिस जारी किया गया है। बिहार में एसआईआर प्रक्रिया चलने के दौरान, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने निर्मला देवी की दोहरी वोटर आईडी पर चुनाव आयोग से सवाल उठाए थे। इस मामले में चुनाव आयोग ने मेयर से जवाब मांगा है।
मुजफ्फरपुर विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन निबंधन अधिकारी ने मेयर निर्मला देवी को नोटिस भेजते हुए कहा है कि उन्हें 16 अगस्त की शाम 5 बजे तक दोहरी वोटर आईडी के संबंध में अपना जवाब प्रस्तुत करना है।
इससे पहले, राजद नेता तेजस्वी यादव ने बताया कि मेयर के वोटर लिस्ट में नाम के साथ दो अलग-अलग एपिक आईडी मौजूद हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "निर्मला देवी भाजपा की प्रमुख नेत्री हैं और मुजफ्फरपुर की मेयर हैं। उनके पास दो एपिक आईडी (आरईएम1251917) और (जीएसबी1835164) हैं। उनके एक ही विधानसभा में दो अलग-अलग बूथ पर दो अलग-अलग वोट हैं। अलग-अलग एपिक कार्ड में उनकी दो अलग-अलग उम्र भी दर्शाई गई हैं।"
तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग से पूछा कि कैसे नई ड्राफ्ट सूची में एक ही विधानसभा में दो अलग-अलग एपिक कार्ड और उम्र के साथ दो अलग-अलग वोट बन गए हैं?
उन्होंने चुनाव आयोग पर मिलीभगत का आरोप लगाया। राजद नेता ने कहा, "जब चुनाव आयोग खुद ऐसा कर रहा है, तो एसआईआर का क्या अर्थ है? इसका मतलब है कि चुनाव आयोग भाजपा के समर्थकों के लिए एक ही घर में कई फर्जी वोट बना रहा है। यदि यह भाजपा की मुजफ्फरपुर से संभावित प्रत्याशी हैं, तो क्या चुनाव आयोग उनकी मदद के लिए फर्जी वोट बना रहा है?"
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आगे कहा, "चुनाव आयोग विपक्ष के वोट काटने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहा है और भाजपा के पक्ष में जोड़ रहा है। बड़े नेताओं के लिए एक ही विधानसभा में दो अलग-अलग एपिक कार्ड और उम्र के साथ दो अलग-अलग वोट बन रहे हैं। क्या यह चुनाव आयोग की बेईमानी नहीं है?"