क्या बिहार के विकास में पीएम मोदी और केंद्र सरकार का सहयोग मिलता रहेगा?
सारांश
Key Takeaways
- नीतीश कुमार का 10वीं बार मुख्यमंत्री बनना
- प्रधानमंत्री मोदी का बिहार के विकास में योगदान
- केंद्र सरकार का फोकस रोजगार और महिला उत्थान पर
- एनडीए को जनता का समर्थन
- राज्य के विकास के लिए सहयोग आवश्यक
पटना, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गांधी मैदान में आज जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता नीतीश कुमार 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और एनडीए के कई प्रमुख नेता शामिल होंगे। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी भी पटना पहुँच चुके हैं।
जदयू के नेता अशोक चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इस समारोह में भाग लेने आ रहे हैं। कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस मौके पर उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार को व्यापक आर्थिक सहायता दी है और केंद्र सरकार भविष्य में भी राज्य के विकास में सहयोग करती रहेगी।
उन्होंने आगे कहा कि बिहार जैसे राज्यों के लिए यह आवश्यक है कि केंद्र सरकार आर्थिक पिछड़ेपन को दूर करने में मदद करे। केंद्र सरकार ने पहले भी सहायता दी है और बजट भी उपलब्ध कराया है। पीएम मोदी की विशेष कृपा से राज्य के विकास में तेजी आएगी। अब सरकार का ध्यान युवाओं को सम्मान देने, एक करोड़ रोजगार सृजन करने और महिला उत्थान पर है। यह हमारे नेता नीतीश कुमार की प्राथमिकता है।
भाजपा नेता रत्नेश कुशवाहा ने कहा कि यह बिहार के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। जनता ने एनडीए को आशीर्वाद दिया है और मोदी-नीतीश की जोड़ी पर विश्वास जताया है। प्रधानमंत्री मोदी का बिहार आना राज्य के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
सांसद राजेश वर्मा ने कहा कि बिहार के लोगों ने हमें बहुमत दिया है। नीतीश कुमार ने 20 वर्षों से सेवा की है और सभी जातियों और समुदायों को साथ लेकर काम किया है।
गांधी मैदान में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में एक विशेष शख्स भी आए हैं, जो पीएम मोदी को अपना आदर्श मानते हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले आठ वर्षों से प्रधानमंत्री मोदी को चाय पिलाने का उनका सपना पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। जब भी नरेंद्र मोदी दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, कानपुर, लखनऊ, अयोध्या और बिहार आए हैं, हम वहां गए हैं। वह पटना भी इसी उम्मीद से आए हैं।