क्या नोएडा के नाले से मिली लाश की गुत्थी सुलझ गई? अवैध संबंधों में फंसे मोनू ने की थी हत्या
सारांश
Key Takeaways
- अवैध संबंधों की गंभीरता
- पुलिस जांच की प्रक्रिया
- गिरफ्तारी के तरीके
- फोरेंसिक जांच का महत्व
- सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता
नोएडा, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा के थाना सेक्टर-39 पुलिस ने नाले से मिली अज्ञात महिला की सिरकटी लाश के सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश करते हुए हत्या के वांछित आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर घटना में इस्तेमाल गड़ासा, शव से अलग किए गए अवशेष, कपड़े, बस की मैट तथा घटना में इस्तेमाल बस भी बरामद कर ली है।
यह मामला 6 नवंबर को सामने आया था, जब थाना सेक्टर-39 पुलिस को सूचना मिली कि नाले में एक महिला का क्षत-विक्षत शव पड़ा हुआ है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामला दर्ज करते हुए महिला की शिनाख्त एवं हत्यारे की तलाश शुरू कर दी। घटना की गंभीरता को देखते हुए करीब 9 विशेष टीमों का गठन किया गया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने के लिए 5000 से अधिक कैमरे चेक किए और लगभग 1100 वाहनों को ट्रैक किया।
संदेह के आधार पर 44 गाड़ियों की पहचान कर उनके मालिकों और चालकों से पूछताछ की गई। जांच के दौरान पुलिस की नजर उस सफेद और नीली बस पर गई जो 5 नवंबर को रात 8:30 बजे संदिग्ध हालात में लाइट बंद कर घटनास्थल की ओर जाती दिखी। बस का नंबर यूपी 16 केटी 0037 होने की पुष्टि हुई, जो बरौला निवासी ड्राइवर मोनू सोलंकी चलाता था।
पूछताछ में यह भी पता चला कि बरौला में रहने वाली प्रीति यादव उर्फ प्रीति देवी नाम की महिला लगभग छह दिनों से लापता थी और उसका विवाद ड्राइवर मोनू से चल रहा था। सूचना के आधार पर पुलिस ने शुक्रवार को मोनू सोलंकी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने हत्या की बात स्वीकार की।
मोनू ने बताया कि उसकी प्रीति से जान पहचान एक जींस फैक्ट्री में हुई थी। दोनों के बीच अवैध संबंध थे, लेकिन बाद में विवाद बढ़ गया। मोनू के अनुसार, प्रीति उस पर पैसों के लिए दबाव बनाती थी और ब्लैकमेल भी करती थी। इसी रंजिश में मोनू ने उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाई। घटना वाले दिन मोनू बस में घुमाने के बहाने प्रीति को ले गया। रास्ते में दोनों के बीच बहस हुई और गुस्से में मोनू ने गड़ासे से महिला की गर्दन काट दी।
पहचान छुपाने के लिए उसने हाथ भी अलग कर दिए और शव को नाले में फेंक दिया। बाद में अवशेष और हथियार गाजियाबाद में स्थित सूखे नाले में फेंक दिए। फोरेंसिक टीम द्वारा बस की जांच में बरामद खून के निशान मानव रक्त पाए गए।