क्या ऑनलाइन बेटिंग ऐप के नाम पर करोड़ों की ठगी हुई? आठ आरोपी गिरफ्तार
सारांश
Key Takeaways
- ऑनलाइन ठगी के मामले बढ़ रहे हैं।
- साइबर अपराधियों से सावधान रहना चाहिए।
- पुलिस को तुरंत सूचित करें यदि कोई ठगी का शिकार होता है।
- फर्जी दस्तावेजों के जरिए ठगी की जा रही है।
- गिरोह की गतिविधियां गंभीर रूप से जांच की जा रही हैं।
नोएडा, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने साइबर ठगी के मामलों पर कड़ी नजर रखते हुए एक बड़ी सफलता हासिल की है। बिसरख थाना की पुलिस ने ऑनलाइन बेटिंग ऐप और जुए के नाम पर लोगों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसमें 7 पुरुष और 1 महिला शामिल है। सभी आरोपियों को टॉवर-1, लॉ रेजिडेंसिया सोसायटी के क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के समय इनके पास से大量 में फर्जी चेक बुक, बैंक पासबुक, सिम कार्ड, डेबिट कार्ड, लैपटॉप, टैबलेट, मोबाइल फोन और नकदी बरामद की गई।
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह 'विनबिज्ज' नामक एक ऑनलाइन गेमिंग/बेटिंग एप का उपयोग कर लोगों को अधिक कमाई का लालच देकर उनके साथ धोखाधड़ी करता था। पहले छोटे दांव जीतने पर ग्राहकों का विश्वास बढ़ाया जाता था, और फिर बड़े दांव लगाने पर उन्हें लगातार हार का सामना कराना होता था, जिससे उनका पैसा ठग लिया जाता था।
गिरोह की एक चाल थी कि वे फर्जी आईडी के आधार पर बैंक खाते खुलवाते थे। इसके लिए किसी की आईडी लेकर उसके नाम पर सिम कार्ड प्राप्त किया जाता था, और फिर उस सिम पर बैंक में खाता खोला जाता था। ठगे गए पैसे इन खातों में ट्रांसफर कर दिए जाते थे।
पुलिस ने कहा कि बरामद सिम कार्ड भी दूसरों के नाम पर प्री-एक्टिवेटेड थे, जिन्हें बैंक खाता खोलने और लेन-देन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। छापेमारी के समय गिरोह के सदस्य एक टेबल पर लैपटॉप और मोबाइल के जरिए हार-जीत की ऑनलाइन बाजी लगा रहे थे। पुलिस की बरामदगी इस ऑनलाइन जुए और ठगी के बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करती है।
बरामद किए गए सामानों में 159 फर्जी पासबुक, 95 चेक बुक, 131 एटीएम कार्ड, 114 सिम कार्ड, 7 लैपटॉप, 1 टैबलेट, 61 मोबाइल फोन और 39,670 नकद शामिल हैं। इस घटना के संबंध में बिसरख थाने ने मामला दर्ज कर उचित जांच शुरू कर दी है।
पुलिस का मानना है कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और देशभर में कई लोगों को ठगी का शिकार बना चुका है। पुलिस अब आरोपियों के बैंक खातों, डिजिटल लेन-देन के रिकॉर्ड और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पूरी धनराशि का पता लगाने और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है।