क्या पलामू में युवक की हत्या के बाद शव को जंगल में जलाना एक संगीन अपराध है?

सारांश
Key Takeaways
- पलामू में हत्या की घटना ने क्षेत्र में भय का माहौल पैदा किया है।
- पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- शव को जलाने का प्रयास सबूत मिटाने के लिए किया गया।
- इस मामले में डीएनए जांच की जा सकती है।
- स्थानीय पुलिस ने घटना के खुलासे के लिए विशेष टीम बनाई।
पलामू, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पलामू जिले के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र में पैसे के लेन-देन के विवाद में एक युवक मनोज भुइयां उर्फ मनु भुइयां की हत्या के बाद उसके शव को जंगल में जला दिया गया।
पुलिस ने घटनास्थल से मृत युवक के अस्थि अवशेष बरामद किए हैं। इस मामले में शामिल दो आरोपियों को गुरुवार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस के अनुसार, लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के घुटुवा गांव निवासी ललन भुईयां के आवेदन पर 20 अगस्त को एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें चार दिनों से लापता मनोज भुइयां की हत्या की आशंका जताई गई थी।
पुलिस ने कांड संख्या 111/2025, धारा 103(1)/238(बी)/3(5) भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत एफआईआर दर्ज कर तहकीकात शुरू की।
जांच में पता चला कि 16 अगस्त को घुटुवा गांव के जनेश्वर सिंह और उसके पिता राजेश्वर सिंह ने मनोज भुइयां की गला दबाकर हत्या कर दी। मनोज भी इसी गांव के बौलिया टोला का निवासी था।
पुलिस ने बताया कि वारदात के बाद दोनों आरोपियों ने सबूत मिटाने के इरादे से 17 अगस्त को शव को भुरी जंगल में ले जाकर जला दिया। जांच के दौरान जंगल से मृतक के जले हुए अस्थि अवशेष बरामद किए गए।
पलामू पुलिस के अनुसार, पूछताछ में दोनों आरोपियों ने हत्या की बात स्वीकार कर ली है। इस मामले में कार्रवाई के लिए थाना प्रभारी उत्तम कुमार राय के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई गई थी।
इस टीम में पुलिस अवर निरीक्षक विक्रम शील, राजू मांझी, सहायक अवर निरीक्षक अजय कुमार समेत रिजर्व गार्ड और चालक शामिल थे। वारदात के खुलासे के बाद इलाके में सनसनी है।
पुलिस का कहना है कि अनुसंधान के दौरान जरूरत पड़ने पर बरामद अस्थि अवशेषों की डीएनए जांच कराई जाएगी।