क्या पश्चिम बंगाल को पश्चिम बांग्लादेश बनने से रोका जाएगा? एसआईआर पर टीएमसी को भाजपा का जवाब
सारांश
Key Takeaways
- पश्चिम बंगाल की राजनीतिक स्थिति में उथल-पुथल है।
- भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाए हैं।
- एसआईआर प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची में सुधार करना है।
- बांग्लादेशी मुसलमानों को भारत में मतदान का अधिकार नहीं है।
- कानून का पालन करना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद में मंगलवार को चुनाव आयोग की एसआईआर प्रक्रिया को लेकर हंगामे के दौरान, पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसदों ने विपक्ष को एक सशक्त उत्तर दिया। बालुरघाट से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस बांग्लादेशी मुसलमानों को भारत में बसाने और उन्हें मतदान का अधिकार देने की कोशिश कर रही है।
सुकांत मजूमदार ने कहा कि भारत में एसआईआर का कार्य चुनाव आयोग का है, इसे सरकार नहीं करती और यह प्रक्रिया पहली बार नहीं हो रही है। एसआईआर का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची में सुधार लाना है।
मजूमदार ने बशीरघाट का उदाहरण देते हुए बताया कि एसआईआर के बाद पश्चिम बंगाल के सीमाई क्षेत्रों में बांग्लादेशी नागरिकों की अपने देश लौटने की लंबी लाइने लगी हैं।
भाजपा सांसद ने प्रश्न उठाया कि क्या विपक्ष बांग्लादेश के नागरिकों को भारत में मतदान का अधिकार देना चाहता है। भारतीय संविधान के अनुसार, बांग्लादेशी नागरिकों को यह अधिकार नहीं मिलना चाहिए। इसलिए हम संविधान के पक्ष में हैं।
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य समिक भट्टाचार्य ने कहा कि एसआईआर का मामला सुप्रीम कोर्ट में है, लेकिन विपक्ष संसद को चलने नहीं दे रहा है, जो स्पष्ट करता है कि उनके पास कोई मुद्दा नहीं है।
उन्होंने बताया कि भारतीय नागरिक अपने देश में मतदान करेंगे, कोई बांग्लादेशी भारत आकर मतदान नहीं कर सकता। म्यांमार के रोहिंग्या पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में नहीं आ सकते। समिक भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार 'डिडक्ट, डिलीट एंड डिपोर्ट' के सिद्धांत पर आगे बढ़ रही है।
समिक भट्टाचार्य ने कहा कि राहुल गांधी को पश्चिम बंगाल का दौरा करना चाहिए और देखना चाहिए कि यहां के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कांग्रेस का कार्यकर्ता क्या कहता है। कोई भी कार्यकर्ता राहुल गांधी के साथ पश्चिम बंगाल में वोट चोर-गद्दी छोड़ने का नारा देने के लिए तैयार नहीं है।
भाजपा सांसद ने तृणमूल कांग्रेस को चेतावनी दी कि पश्चिम बंगाल को पश्चिम बांग्लादेश नहीं बनने दिया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि देश की जनसांख्यिकी को बदलने की साजिश की जा रही है।