क्या पटना के गांधी मैदान में बारिश के बीच जलाया गया रावण का पुतला? सीएम नीतीश कुमार रहे मौजूद

सारांश
Key Takeaways
- गांधी मैदान में आयोजित रावण दहन कार्यक्रम ने बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया।
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिती ने समारोह को और भी महत्वपूर्ण बना दिया।
- सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के बावजूद बारिश ने समारोह का आनंद कम नहीं किया।
- सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का यह एक महत्वपूर्ण अवसर था।
- राज्य भर में विजयादशमी के अवसर पर रावण का दहन किया गया।
पटना, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में गुरुवार शाम हल्की बारिश के बीच बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयादशमी मनाया गया, जिसमें रावण का दहन किया गया।
इस कार्यक्रम में रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले जलाए गए। गांधी मैदान में 80 फीट का रावण का पुतला, 75 फीट का मेघनाथ और 70 फीट का कुंभकर्ण का पुतला तैयार किया गया था। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा सहित कई मंत्री और गणमान्य लोग इस अवसर पर उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने भगवान राम और लक्ष्मण के स्वरूप को तिलक लगाकर उनकी आरती की। इसके बाद बारी-बारी से बुराई के प्रतीक कुंभकर्ण, मेघनाद एवं रावण का पुतला दहन किया गया। इसके बाद आतिशबाजी का आयोजन हुआ। श्री श्री दशहरा कमिटी ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस रावण दहन समारोह में सबसे पहले आयोजकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्वागत किया।
इस दौरान गांधी मैदान और आसपास के क्षेत्र में बारिश होती रही, लेकिन लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ। रावण दहन कार्यक्रम के दौरान पूरा गांधी मैदान जय श्रीराम के नारे से गूंजता रहा। बारिश के कारण रावण के पुतले को थोड़ी क्षति पहुंची थी, लेकिन इसे फिर से दुरुस्त कर लिया गया।
इस कार्यक्रम के लिए गांधी मैदान में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। सुरक्षा व्यवस्था के लिए 49 स्थानों पर 103 दंडाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई। इसके अलावा 128 सीसीटीवी कैमरे और 10 वॉच टावरकंट्रोल रूम और अस्थायी थाने से सभी गतिविधियों पर नजर रखी गई। इसके साथ ही पटना की यातायात व्यवस्था में भी बदलाव किए गए। बिहार में पटना के अलावा गया, मुजफ्फरपुर, छपरा सहित अन्य जिलों में भी विजयादशमी के अवसर पर रावण का पुतला दहन किया गया।