क्या पीएम मोदी ने छठ पूजा के लिए शुभकामनाएं दीं? कहा- ये विराट उत्सव सादगी और संयम का प्रतीक है
सारांश
Key Takeaways
- छठ पूजा आस्था और प्रकृति प्रेम का अनूठा संगम है।
- पीएम मोदी ने इस महापर्व पर शुभकामनाएं दी हैं।
- यह पर्व सादगी और संयम का प्रतीक है।
- छठ पूजा के दौरान पारिवारिक और सामाजिक सद्भाव की प्रेरणा होती है।
- छठ पूजा में अर्घ्य अर्पित करने की परंपरा है।
नई दिल्ली, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आस्था का महापर्व छठ पूजा नहाय-खाय के साथ शनिवार से आरंभ हो गया है। यह चार दिनों तक चलने वाला पर्व उत्तर प्रदेश, बिहार और विश्व के अन्य हिस्सों में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। पीएम मोदी ने छठ पूजा की देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।
पीएम मोदी ने कहा कि नहाय-खाय के पावन अनुष्ठान के साथ आज से चार दिवसीय महापर्व छठ का शुभारंभ हो रहा है। बिहार एवं देशभर के श्रद्धालुओं को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। सभी व्रतियों को मेरा नमन और वंदन।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि हमारी संस्कृति का यह विराट उत्सव सादगी और संयम का प्रतीक है, जिसकी पवित्रता और नियम-निष्ठा अतुलनीय है। इस पावन अवसर पर छठ के घाटों पर जो दृश्य दिखाई देता है, उसमें पारिवारिक और सामाजिक सद्भाव की अद्भुत प्रेरणा होती है।
उन्होंने कहा कि छठ की प्राचीन परंपरा का हमारे समाज पर बहुत गहरा प्रभाव रहा है। आज विश्व के कोने-कोने में छठ को संस्कृति के महाउत्सव के रूप में मनाया जाता है। पूरी दुनिया में रहने वाले भारतवंशी परिवार, इसकी परंपराओं में पूरी आत्मीयता से सम्मिलित होते हैं। मेरी कामना है कि छठी मइया सबको अपना भरपूर आशीर्वाद दें। छठ महापर्व आस्था, उपासना और प्रकृति प्रेम का एक अनूठा संगम है। इसमें जहां अस्ताचलगामी और उदीयमान सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है, वहीं प्रसाद में भी प्रकृति के विविध रंग समाहित होते हैं।
पीएम मोदी ने आगे लिखा कि छठ पूजा के गीत और धुनों में भी भक्ति और प्रकृति का अद्भुत भाव भरा होता है। आज इस महापर्व पर मैं आप सभी के साथ छठी मइया के ऐसे गीतों को साझा कर रहा हूं, जिन्हें सुनकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाएगा।
छठ पूजा को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी 'एक्स' पर एक पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा कि लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ के अवसर पर प्रदेश एवं देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं। लोक आस्था का यह महापर्व आत्मानुशासन का पर्व है, जिसमें लोग शुद्ध अंतःकरण और निर्मल मन से अस्ताचल और उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। महापर्व छठ के अवसर पर भगवान भास्कर से राज्य की प्रगति, सुख, शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना है।