क्या पीएम मोदी का बिहार दौरा मोतिहारी के लिए वरदान साबित होगा?

सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी का दौरा मोतिहारी के विकास में सहायक होगा।
- वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन किया जाएगा।
- अमृत 2.0 योजना के तहत 400 करोड़ का आवंटन होगा।
- इस योजना से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
- यह ट्रेन सुरक्षित और तेज यात्रा का विकल्प है।
मोतिहारी, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बिहार के दौरे पर आएंगे। इस अवसर पर वह मोतिहारी के निवासियों को करोड़ों रुपए की योजनाओं की सौगात देंगे। मोतिहारी के सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेता राधामोहन सिंह ने पीएम मोदी के इस दौरे को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
भाजपा सांसद राधामोहन सिंह ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "हम मोतिहारी के लोग बेहद भाग्यशाली हैं। हमें वंदे भारत ट्रेन की सौगात मिलने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को सिवान से इसका वर्चुअल उद्घाटन करेंगे। यह ट्रेन पाटलिपुत्र से होते हुए मोतिहारी और फिर गोरखपुर जाएगी।"
सांसद ने आगे कहा, "पीएम मोदी वंदे भारत के अलावा दो अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे, जिनका संबंध मोतिहारी से है। इनमें पहली योजना अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) 2.0 है, जिसके तहत 187 किलोमीटर सीवेज निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की गई है। इसके अतिरिक्त एस मोतीझील के किनारे एसटीएफ का निर्माण कार्य भी होगा, जिसमें लगभग 150 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।"
वास्तव में, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और बिहार के पाटलिपुत्र के बीच एक नई वंदे भारत एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 26502/26501) की शुरुआत की गई है। यह ट्रेन पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तरी बिहार के बीच तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का नया विकल्प प्रस्तुत करती है। यह ट्रेन सप्ताह में छह दिन (शनिवार को छोड़कर) संचालित होगी। गोरखपुर से यह ट्रेन सुबह 5:40 बजे रवाना होगी और दोपहर 12:45 बजे पाटलिपुत्र पहुंचेगी, जबकि वापसी में पाटलिपुत्र से दोपहर 3:30 बजे चलेगी और रात 10:30 बजे गोरखपुर पहुंचेगी।
महत्वपूर्ण है कि इस मार्ग में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, कप्तानगंज और पनियहवा तथा बिहार के बगहा, नरकटियागंज, बेतिया, सुगौली, बापूधाम मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर और पाटलिपुत्र स्टेशन शामिल हैं। यह ट्रेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘पूर्वी भारत के विकास’ की प्रतिबद्धता का एक मजबूत उदाहरण है, जो उपेक्षित क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य कर रही है। इस ट्रेन के साथ अब बिहार में 13 और उत्तर प्रदेश में 15 वंदे भारत ट्रेन रेल कनेक्टिविटी को मजबूत कर रही हैं। वर्तमान में देश भर में 71 वंदे भारत ट्रेन संचालित हो रही हैं।