क्या पीएम मोदी की ब्रिटेन और मालदीव यात्रा से रणनीतिक साझेदारी में होगा नया आयाम?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से ब्रिटेन और मालदीव के साथ रणनीतिक साझेदारी में मजबूती आएगी।
- विभिन्न क्षेत्रों जैसे व्यापार, रक्षा और स्वास्थ्य पर चर्चा होगी।
- यात्रा के दौरान मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ समारोह का हिस्सा बनेंगे।
- यह यात्रा भारत की 'पड़ोस प्रथम' नीति को सशक्त करेगी।
नई दिल्ली, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 से 26 जुलाई तक ब्रिटेन और मालदीव की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। इस यात्रा के दौरान, दोनों देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के निमंत्रण पर 23 और 24 जुलाई को ब्रिटेन की आधिकारिक यात्रा करेंगे। यह मोदी की चौथी ब्रिटेन यात्रा होगी।
इस दौरान, दोनों नेता भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों की गहन समीक्षा करेंगे और व्यापार, अर्थव्यवस्था, तकनीक, नवाचार, रक्षा-सुरक्षा, जलवायु, स्वास्थ्य, शिक्षा और जनसंपर्क जैसे क्षेत्रों में प्रगति पर चर्चा करेंगे।
इसके अतिरिक्त, दोनों नेता क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी, किंग चार्ल्स तृतीय से भी शिष्टाचार भेंट करेंगे। यात्रा के दौरान, दोनों पक्ष ‘समग्र रणनीतिक साझेदारी’ की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
यात्रा के दूसरे चरण में, प्रधानमंत्री मोदी 25 से 26 जुलाई को मालदीव की राजकीय यात्रा करेंगे। यह यात्रा मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर होगी। मोदी की यह मालदीव की तीसरी यात्रा होगी और डॉ. मुइज्जू के राष्ट्रपति कार्यकाल में किसी भी राष्ट्राध्यक्ष की यह पहली यात्रा होगी।
प्रधानमंत्री मोदी 26 जुलाई को मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ समारोह के 'मुख्य अतिथि' होंगे। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री मुइज्जू से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और दोनों देश ‘समग्र आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ के अंतर्गत हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे, जिसकी रूपरेखा अक्टूबर 2024 में राष्ट्रपति मुइज्जू की भारत यात्रा के दौरान तय की गई थी।
यह यात्रा भारत की ‘पड़ोस प्रथम’ नीति और विजन महासागर के तहत भारत-मालदीव के विशेष संबंधों को और मजबूती प्रदान करने का एक अनूठा अवसर है।