क्या 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' से 100 जिलों में बड़ा बदलाव आएगा?

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क्या 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' से 100 जिलों में बड़ा बदलाव आएगा?

सारांश

कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' को मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य 100 निम्न-प्रदर्शन वाले कृषि जिलों में स्थायी विकास को सुनिश्चित करना है। अगले छह वर्षों में 1.7 करोड़ किसानों को इसका लाभ मिलेगा।

Key Takeaways

  • कृषि सुधार के लिए एक ऐतिहासिक कदम।
  • 1.7 करोड़ किसानों को होगा लाभ।
  • सतत विकास के लिए 100 जिलों का चयन।
  • 24,000 करोड़ का वार्षिक बजट।
  • समन्वित क्रियान्वयन के लिए 36 योजनाओं का एकीकरण।

नई दिल्ली, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। देश की कृषि व्यवस्था में व्यापक सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' को मंजूरी दी। इस योजना का लक्ष्य देश के 100 निम्न-प्रदर्शन वाले कृषि जिलों में सतत विकास सुनिश्चित करना है। इस योजना का वार्षिक परिव्यय 24,000 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है और यह अगले छह वर्षों तक कार्यान्वित की जाएगी।

यह महत्वाकांक्षी योजना केंद्रीय बजट 2025-26 में पहली बार घोषित की गई थी। इसका ध्यान केवल कृषि पर ही नहीं, बल्कि इससे जुड़ी विभिन्न गतिविधियों जैसे सिंचाई, भंडारण, प्राकृतिक खेती और ऋण सुविधा पर भी है। योजना का उद्देश्य उत्पादकता को बढ़ाना, फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करना और किसानों को वित्तीय एवं तकनीकी मदद उपलब्ध कराना है।

इस योजना की विशेषता यह है कि यह केंद्र सरकार के 11 मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाओं को संतृप्ति-आधारित मॉडल के तहत एकीकृत करती है। इसका लक्ष्य दोहराव से बचना और योजनाओं के समन्वित क्रियान्वयन से अधिकतम प्रभाव सुनिश्चित करना है। इस योजना से लगभग 1.7 करोड़ किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

इस परिवर्तनकारी पहल में राज्यों की योजनाओं और निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी महत्वपूर्ण माना गया है। प्रत्येक चयनित जिले में 'जिला धन-धान्य कृषि योजना समिति' बनाई जाएगी, जिसकी अध्यक्षता जिला अधिकारी या ग्राम पंचायत प्रमुख करेंगे। समिति में प्रगतिशील किसान, विशेषज्ञ और विभागीय अधिकारी शामिल होंगे।

यह समिति जिला कृषि योजना तैयार करेगी, जो स्थानीय कृषि पारिस्थितिकी, फसल पैटर्न और किसानों की जरूरतों के अनुरूप होगी।

योजना की प्रगति की निगरानी एक केंद्रीय डिजिटल डैशबोर्ड के माध्यम से की जाएगी। प्रत्येक जिले को 117 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों के आधार पर ट्रैक किया जाएगा। पारदर्शिता बढ़ाने के लिए 'किसान ऐप' और जिला रैंकिंग प्रणाली भी लागू की जाएगी।

योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर निगरानी टीमें गठित की जाएंगी। इनमें केंद्रीय स्तर पर मंत्री और सचिव स्तर की दो टीमें, राज्य स्तर पर निगरानी टीमें और जिला स्तर पर स्थानीय अधिकारी एवं नोडल अधिकारी की व्यवस्था होगी।

टीमें योजनाओं की प्रगति की मासिक समीक्षा करेंगी, चुनौतियों की पहचान करेंगी और समाधान सुनिश्चित करेंगी। प्रत्येक जिले में नियुक्त केंद्रीय नोडल अधिकारी क्षेत्रीय भ्रमण के माध्यम से जमीनी हकीकत का मूल्यांकन करेंगे।

यह योजना केंद्र सरकार के आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता से प्रेरित है। यह एक समन्वित, सहभागी और परिणाम-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ ग्रामीण भारत में कृषि सुधारों की नई लहर लाने का वादा करती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में यह योजना न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि कृषि क्षेत्र को टिकाऊ और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम साबित होगी।

Point of View

जो ग्रामीण विकास में सहायक सिद्ध हो सकती है।
NationPress
19/07/2025

Frequently Asked Questions

इस योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य 100 निम्न-प्रदर्शन वाले कृषि जिलों में सतत विकास को सुनिश्चित करना है।
कितने किसानों को इस योजना से लाभ होगा?
इस योजना से अनुमानतः 1.7 करोड़ किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
इस योजना की वार्षिक बजट क्या है?
योजना का वार्षिक बजट 24,000 करोड़ रुपए रखा गया है।
यह योजना कब तक लागू होगी?
यह योजना अगले छह वर्षों तक लागू की जाएगी।
इस योजना का क्या मुख्य फोकस है?
इसका फोकस कृषि, सिंचाई, भंडारण, प्राकृतिक खेती और ऋण सुविधा पर है।