क्या प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान में गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए शेरिंग तोबगे का आभार व्यक्त किया?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान में गर्मजोशी से स्वागत किया।
- भूटान यात्रा से भारत-भूटान संबंध और मजबूत होंगे।
- दूसरी पुनात्सांगछू जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन महत्वपूर्ण है।
- यह यात्रा 'पड़ोसी पहले' नीति का एक प्रमाण है।
- भारत और भूटान के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों का आदर्श उदाहरण।
थिंपू, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान पहुँचने पर थिंपू में किए गए गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए भूटानी समकक्ष शेरिंग तोबगे का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच मैत्री और सहयोग के गहरे बंधनों को प्रदर्शित करती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मैं भूटान पहुँच गया हूँ। एयरपोर्ट पर मिले गर्मजोशी और भव्य स्वागत के लिए प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे का आभारी हूँ। यह यात्रा हमारे देशों के बीच विश्वास, सद्भावना और आपसी सम्मान पर आधारित एक समय-परीक्षित साझेदारी को दर्शाती है। मैं इस यात्रा के माध्यम से हमारे घनिष्ठ संबंधों को और मजबूती देने की आशा करता हूँ।"
प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर थिंपू पहुंचे, जहाँ उनके भूटानी समकक्ष शेरिंग तोबगे ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। पीएम शेरिंग तोबगे ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, "मैं अपने पूरे देश के साथ अपने बड़े भाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भूटान में स्वागत करता हूँ।"
उन्होंने कहा कि यह यात्रा दूसरी पुनात्सांगछू जलविद्युत परियोजना के उद्घाटन के साथ हमारी सफल ऊर्जा साझेदारी में एक और प्रमुख मील का पत्थर साबित होगी। पीएम मोदी ने कहा, "मैं भूटान नरेश, चतुर्थ नरेश और प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से मिलने के लिए उत्सुक हूँ। मुझे विश्वास है कि मेरी यह यात्रा हमारी मित्रता के बंधन को और गहरा करेगी और साझा प्रगति और समृद्धि की दिशा में हमारे प्रयासों को और सशक्त बनाएगी।"
उन्होंने कहा कि भारत और भूटान के बीच मैत्री और सहयोग के अनुकरणीय संबंध हैं, जो गहरे आपसी विश्वास, समझ और सद्भावना पर आधारित हैं। हमारी साझेदारी हमारी 'पड़ोसी पहले' नीति का एक प्रमुख स्तंभ है और पड़ोसी देशों के बीच अनुकरणीय मैत्रीपूर्ण संबंधों का आदर्श है।