क्या प्रवीण खंडेलवाल ने असम में बहुविवाह पर रोक वाले कानून का समर्थन किया?
सारांश
Key Takeaways
- संस्कृति की सुरक्षा: यह विधेयक असम में संस्कृति को संरक्षित करने का प्रयास है।
- परिवार के मूल्यों का महत्व: सांसद ने परिवार की भूमिका को रेखांकित किया है।
- राजनीतिक दृष्टिकोण: यह विधेयक राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। असम में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक पारित होने के बाद भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने इस निर्णय का समर्थन किया है। उनका कहना है कि यह विधेयक असम में हमारी संस्कृति को सुरक्षित करने में सहायक होगा।
भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "भारत की सनातन संस्कृति में हमारे मूल्यों का स्पष्ट रूप से वर्णन किया गया है। यदि आप परिवार के विचार का सम्मान नहीं करते हैं, तो यह गलत है। इस विधेयक का सभी को समर्थन करना चाहिए ताकि हमारी संस्कृति संरक्षित रह सके और हम सब एकजुट रहें।"
असम विधानसभा में गुरुवार को बहुविवाह पर रोक लगाने वाला विधेयक पारित किया गया है। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य छठी अनुसूची वाले आदिवासी क्षेत्रों को छोड़कर पूरे असम में बहुविवाह की प्रथा को अवैध घोषित करना और इसे समाप्त करना है।
पश्चिम बंगाल में एसआईआर पर प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि वहां इसका विरोध यह दर्शाता है कि कैसे बाहरी लोगों को मतदाता बनाकर उपयोग किया जा रहा है। एसआईआर के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन मतदान करने के लिए वैध है और कौन नहीं।
भाजपा सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश लगातार मजबूत हो रहा है, इसमें कोई संदेह नहीं है। हम किसी भी संकट का सामना करने के लिए तैयार हैं। भारतीय सेना भी लगातार सशक्त होती जा रही है। केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद से भारतीय सेनाओं को आधुनिक हथियार मिल रहे हैं। इससे कोई संदेह नहीं होना चाहिए। इस कारण आज भारतीय सेना विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक बन गई है। इससे देश चारों ओर से सुरक्षित हो गया है।
बिहार चुनाव में कांग्रेस की हार पर प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, "कांग्रेस पार्टी और उसके वरिष्ठ नेताओं को पहले खुद पर विचार करना चाहिए। उन्हें सोचने की आवश्यकता है कि जो पार्टी कभी देश की सबसे बड़ी पार्टी थी, वह इस स्थिति में कैसे पहुंच गई। केवल भाजपा पर आरोप लगाने से कुछ नहीं होगा। जब तक कांग्रेस एक ही परिवार के प्रभाव में रहेगी, वह आगे नहीं बढ़ पाएगी।"
उन्होंने कहा कि यदि ये लोग काम करते, तो बिहार में उनकी सरकार बनती। ये केवल परिवारवाद की राजनीति करते रहे हैं और अब हार के बाद भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं। इसमें कुछ नया नहीं है। यह तो उनकी पुरानी आदत हो गई है।