क्या चुनाव आयोग ने प्रियंका गांधी के आरोपों का सही जवाब दिया?

सारांश
Key Takeaways
- प्रियंका गांधी ने चुनाव आयोग से मतदाता सूची की मांग की।
- चुनाव आयोग ने इसे गलत बताया।
- मतदाता सूची लोकतंत्र की नींव है।
- राजनीतिक दलों की पूर्ण भागीदारी आवश्यक है।
- सूचना का अधिकार सभी राजनीतिक दलों को मिलना चाहिए।
नई दिल्ली, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी ने भारत के चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हमें आयोग से मतदाता सूची की मांग करनी चाहिए, यह उन्हें उपलब्ध करानी चाहिए। वहीं, निर्वाचन आयोग ने प्रियंका के इस दावे को गलत बताया है।
इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ईसीआई) ने कांग्रेस द्वारा 'एक्स' पर पोस्ट किए गए प्रियंका गांधी के बयान को गलत बताया। उन्होंने कहा कि इस पोस्ट में किया गया दावा वास्तविकता से भिन्न है। ईसीआई ने जवाब देते हुए कहा कि शुद्ध मतदाता सूची लोकतंत्र की नींव है। चुनाव आयोग हर चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दलों की पूर्ण भागीदारी के साथ मतदाता सूची तैयार करता है। जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) कांग्रेस सहित सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के अधिकृत प्रतिनिधियों के साथ मतदाता सूची दो बार साझा करते हैं, पहली मसौदा सूची आपत्तियां आमंत्रित करने के लिए और दूसरी अंतिम सूची ईआरओएस द्वारा आपत्तियों पर निर्णय लेने के बाद।
चुनाव आयोग ने आगे कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-195० की धारा २४ के अनुसार, जिला निर्वाचन अधिकारी और मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास अपील दायर की जा सकती है। इसके अलावा, नामांकन की अंतिम तिथि के बाद मतदाता सूची फिर से उम्मीदवारों के साथ साझा की जाती है। हर बूथ की मतदाता सूची तैयार करने में सभी राजनीतिक दलों की पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए, उनके जिला अध्यक्षों को प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए अपने बूथ स्तरीय एजेंट नियुक्त करने का भी अधिकार है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा पहले भी इसी तरह का मुद्दा उठाया गया था। महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) द्वारा २४ जून २०२५ को मतदाता सूची कांग्रेस को सौंपे जाने की तिथियां पहले ही पोस्ट कर दी गई थीं।
बता दें, कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर प्रियंका गांधी का वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में प्रियंका गांधी ने चुनाव आयोग को लेकर कहा कि उन्हें आरोपों का जवाब देना चाहिए। उन्हें हमें वोटिंग लिस्ट उपलब्ध करानी चाहिए, जिसकी हम मांग कर रहे हैं। लोकतंत्र में पारदर्शिता होनी चाहिए। सभी राजनीतिक दलों को यह जानकारी मिलनी चाहिए। यह जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है?