क्या पूर्व सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों पर सवाल उठाए?

सारांश
Key Takeaways
- डॉ. एसटी हसन ने बिहार चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाए।
- चुनाव आयोग पर प्रशासनिक दबाव का आरोप।
- बिहार में दो चरणों में मतदान होगा।
- मोहन भागवत के बयान का समर्थन किया।
- चुनाव परिणाम 14 नवंबर को घोषित होंगे।
मुरादाबाद, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने बिहार विधानसभा चुनाव की अधिसूचना के जारी होने पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने चुनाव आयोग पर प्रशासनिक दबाव का आरोप लगाते हुए निष्पक्षता पर सवाल उठाए।
सपा नेता एसटी हसन ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "विपक्ष एक चरण में चुनाव चाहता था; जब अन्य प्रदेशों में यह संभव है, तो बिहार में ऐसा क्यों नहीं?"
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि चुनाव निष्पक्ष नहीं हुआ, तो लोकतंत्र पर सवाल उठेंगे और भारत की प्रतिष्ठा को नुकसान होगा।
उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग को दबाव में आकर निष्पक्ष चुनाव कराना चाहिए। हमें उम्मीद नहीं है कि वे ईमानदारी से ऐसा करेंगे। यदि नियत साफ होती तो वोट काटे या बढ़ाए नहीं जाते। ई-वोटिंग शुरू हो, ताकि वोटर घर बैठे वोट डाल सकें।"
वास्तव में, चुनाव आयोग ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार के चुनाव की तारीखों की घोषणा की। आयोग के अनुसार, बिहार की 243 सीटों पर दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को 121 सीटों पर होगा, जबकि दूसरे चरण में 11 नवंबर को 122 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। चुनाव परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
एसटी हसन ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के अखंड भारत वाले बयान का समर्थन किया, लेकिन कहा कि इसे औरंगजेब की तरह बनाना चाहिए, जिसने विशाल साम्राज्य स्थापित कर अखंड भारत को मजबूत किया।
ज्ञात हो कि मोहन भागवत ने हाल ही में मध्य प्रदेश के सतना में कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) भारत के घर का एक कमरा है, जिसे वापस लेना होगा। उन्होंने अखंड भारत को सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बताया। डॉ. हसन ने इसका समर्थन किया, लेकिन कहा कि इसे औरंगजेब की तरह बनाना चाहिए, जिसने विशाल साम्राज्य स्थापित कर अखंड भारत को मजबूत किया।