क्या क्यूएस यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में भारतीय संस्थानों का प्रदर्शन पीएम मोदी की सोच का परिणाम है?

सारांश
Key Takeaways
- 54 भारतीय विश्वविद्यालय क्यूएस रैंकिंग में स्थान प्राप्त कर चुके हैं।
- भारत ने चौथे स्थान पर अपनी स्थिति मजबूत की है।
- प्रधानमंत्री मोदी की नई शिक्षा नीति का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
- आईआईटी दिल्ली और आईआईटी मद्रास ने उच्च स्थान हासिल किए हैं।
- भारत एक उभरती हुई शैक्षणिक शक्ति बनता जा रहा है।
नई दिल्ली, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने क्यूएस यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में एक असाधारण उपलब्धि हासिल की है। कुल 54 भारतीय विश्वविद्यालयों को इस वैश्विक रैंकिंग में स्थान मिला है। पिछले वर्ष यह संख्या 46 थी, जबकि 2014 में केवल 11 संस्थानों को स्थान मिला था। भारत अब अमेरिका, ब्रिटेन और चीन के बाद विश्व में चौथे स्थान पर आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया पर शैक्षणिक संस्थानों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। शिक्षाविदों ने इस परिणाम को प्रधानमंत्री की सोच का महत्वपूर्ण परिणाम बताया है。
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, "क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी 2026 रैंकिंग हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए सकारात्मक समाचार लेकर आई है। हमारी सरकार भारत के युवाओं के लिए अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।"
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "यह गर्व की बात है कि भारत जी-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ती शिक्षा प्रणाली है और अमेरिका, ब्रिटेन और चीन के बाद चौथे स्थान पर है। मुझे विश्वास है कि अनुसंधान, नवाचार और अंतर्राष्ट्रीयकरण पर नई शिक्षा नीति (एनईपी) के जोर के साथ आने वाले समय में और अधिक भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान वैश्विक उत्कृष्टता हासिल करेंगे।"
आईआईटी मद्रास के निदेशक डॉ. वी. कामकोटी ने कहा कि इसका श्रेय राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जाता है। वैश्विक सहयोग के साथ, भारतीय संस्थान और भी बड़ी सफलता के लिए तैयार हैं। क्यूएस रैंकिंग में आईआईटी मद्रास खुद 227 से 180वें स्थान पर पहुंचा है।
आईआईटी दिल्ली की प्लानिंग और रैंकिंग सेल के प्रमुख प्रोफेसर विवेक बुवा ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में 27 स्थान आगे बढ़कर 123वें स्थान पर पहुंच गया है। यह पिछले वर्ष के 150वें स्थान से एक महान सुधार है और आईआईटी दिल्ली इस प्रतिष्ठित सूची में भारत का सर्वोच्च रैंक वाला संस्थान है।
क्यूएस एशिया के कार्यकारी निदेशक डॉ. अश्विन फर्नांडीस ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "यह भारत का अब तक का सबसे मजबूत प्रदर्शन है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी सुधारों, खासकर एनईपी 2020 को अनुसंधान, डिजिटल समावेशन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में लाने की वजह से संभव हो सका है। भारत अब एक उभरती हुई शैक्षणिक शक्ति है, जिसका लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत का निर्माण है।"
न्यू इंडिया डेवलपमेंट फाउंडेशन की संस्थापक और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की प्रो चांसलर हिमानी सूद ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "यह नई शिक्षा नीति और वैश्विक सहयोग का परिणाम है। भारत की 54 यूनिवर्सिटीज का क्यूएस रैंकिंग में आना गर्व की बात है। यह दर्शाता है कि भारत उच्च शिक्षा में विश्व मंच पर अपनी मजबूत पहचान बना रहा है। शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार में भारत की वैश्विक अग्रणी भूमिका प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास से संभव है।"
आईआईटी दिल्ली वैश्विक रैंकिंग में 123वें, आईआईटी बॉम्बे 129वें, आईआईटी मद्रास 180वें स्थान पर है। आईआईटी दिल्ली की यह सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है जबकि आईआईटी मद्रास पहली बार शीर्ष-200 में आया है।