क्या डिनर के बाद ये काम करने से अगली सुबह होगी एकदम फ्रेश और हेल्दी?
सारांश
Key Takeaways
- रात का खाना संतुलित होना चाहिए।
- खाने के बाद चलना और गुनगुना पानी पीना फायदेमंद है।
- सोने से पहले सकारात्मक सोचें।
- सोने से पहले गुनगुना दूध पिएं।
- बाईं करवट सोना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
नई दिल्ली, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। रात का खाना केवल पेट भरने के लिए नहीं है, बल्कि यह शरीर के संतुलन बनाए रखने और अगले दिन की ऊर्जा के लिए भी आवश्यक है। आयुर्वेद में रात के भोजन को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। रात में न ज्यादा और न कम खाना चाहिए, क्योंकि इसका प्रभाव अगली सुबह पर पड़ता है। इसके अतिरिक्त, डिनर के बाद कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
खाना खाने के बाद 100 कदम चलना बहुत फायदेमंद है। टहलने में धीरे-धीरे चलें, जल्दीबाजी न करें। बाद में एक कप गुनगुना पानी या सौंफ का पानी पिएं, यह गैस और एसिडिटी से बचाता है। खाने के तुरंत बाद 5 मिनट ध्यान या गहरी सांस लेने से पाचन क्रिया सही रहती है और मन शांत रहता है।
रात के खाने के बाद अपने दांत और जीभ को साफ करना जरूरी है, अन्यथा मुंह में बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं और नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इसके अलावा, पैरों को धोना या हल्की तेल मालिश करना अच्छी नींद में मदद करता है। पेट को आराम देने के लिए ढीले कपड़े पहनें और सोने से पहले सकारात्मक विचार करें।
सोने से पहले कुछ खाने से बचें ताकि पाचन सही ढंग से काम करे। आयुर्वेद के अनुसार, रात का खाना 8 बजे तक और सोना 10 बजे तक करना बेहतर है। इससे कफ दोष का संतुलन बना रहता है और नींद गहरी आती है।
सोने से पहले गुनगुना दूध (हल्दी या जायफल के साथ) पाचन और नींद दोनों के लिए लाभकारी है। नाभि में दो बूंद सरसों या नारियल तेल और नाक में घी या अणु तेल की बूंद डालने से मस्तिष्क शांत होता है। कमरे की रोशनी को मंद करें और सोने से 30 मिनट पहले स्क्रीन बंद कर दें।
आयुर्वेद के अनुसार, बाईं करवट सोना सबसे अच्छा होता है। सोने से पहले थोड़ी त्रिफला या हींग चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने से पाचन में सुधार होता है। यदि पेट भारी लगे तो अजवाइन और सेंधा नमक मदद कर सकते हैं।
इन आदतों को अपनाने से पाचन बेहतर होगा, नींद गहरी आएगी, शरीर हल्का रहेगा और मन प्रसन्न रहेगा।