क्या रात में पेट फूलना और अपच से परेशान हैं? आयुर्वेद के सरल उपाय से मिल सकती है राहत!
सारांश
Key Takeaways
- अजवाइन और नमक का गुनगुना पानी पीने से पेट की समस्याओं में राहत मिलती है।
- हल्दी और अदरक का गर्म पानी एंटी-इन्फ्लेमेटरी ड्रिंक है।
- दिनचर्या में बदलाव आवश्यक हैं, जैसे जल्दी खाना और टहलना।
नई दिल्ली, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अनियमित दिनचर्या और गलत खानपान अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इस बीच, कई लोग देर रात पेट में भारीपन, अपच, बार-बार डकार आना और सीने में जलन जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसका समाधान आयुर्वेद में छिपा है।
आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि शाम होते-होते पाचन अग्नि की क्षमता घट जाती है। देर से खाना, तला-भुना भोजन, लंबे समय तक बैठना, तनाव और रात में मोबाइल का प्रयोग ये सभी रात में पेट में समस्या के कारण बनते हैं। लेकिन आयुर्वेद में कुछ साधारण घरेलू उपायों का उपयोग कर इन समस्याओं से राहत पाई जा सकती है।
आयुर्वेद में सबसे प्रभावी उपाय के रूप में अजवाइन और नमक का गुनगुना पानी पीना बताया गया है। यह उपाय तुरंत राहत प्रदान करता है। आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि रात का खाना खाने के लगभग 30 से 40 मिनट बाद 1 गिलास गुनगुने पानी में 1 चुटकी अजवाइन के साथ सेंधा या काला नमक मिलाकर धीरे-धीरे पिएं। अजवाइन में थायमॉल होता है जो गैस को बाहर निकालता है और पेट की सूजन को कम करता है। यह नींद को भी गहरा और आरामदायक बनाता है।
दूसरा उपाय है हल्दी और अदरक का गर्म पानी। यह एक प्राकृतिक एंटी-इन्फ्लेमेटरी ड्रिंक है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें रात में सीने में जलन या एसिडिटी का सामना करना पड़ता है। सोने से 40 या 50 मिनट पहले 1 कप गर्म पानी में आधा चम्मच हल्दी पाउडर, आधा चम्मच ताजा अदरक का रस या कद्दूकस किया अदरक और 1 चम्मच शहद (स्वाद के लिए) मिलाकर धीरे-धीरे पिएं। हल्दी सूजन कम करती है, अदरक पाचन एंजाइम्स को सक्रिय करता है और गुनगुना पानी पेट की मांसपेशियों को रिलैक्स करता है।
इसके अलावा, दिनचर्या में बदलाव भी आवश्यक है क्योंकि कई समस्याओं का कारण अनियमित दिनचर्या होती है। रात का खाना हल्का और जल्दी यानी शाम 7-8 बजे तक लेना चाहिए। देर रात दही या ठंडा खाना न खाएं। खाने के तुरंत बाद लेटें नहीं, सोने से 1 घंटा पहले मोबाइल बंद कर दें। दिन में कम से कम 20-30 मिनट टहलें। दिनभर थोड़ा-थोड़ा गुनगुना पानी पीना लाभदायक होता है।
आयुर्वेद के अनुसार, वात दोष और कमजोर जठराग्नि के कारण ये समस्याएं उत्पन्न होती हैं। अजवाइन, हल्दी और अदरक जैसे घरेलू मसाले वात को नियंत्रित करते हैं और पाचन तंत्र को संतुलित करते हैं। ये सभी उपाय पूरी तरह सुरक्षित हैं, लेकिन इन नुस्खों को अपनाने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना जरूरी है।