क्या एसआईआर का दूसरा चरण राजस्थान को डिजिटलाइजेशन में पहले स्थान पर लाया?

Click to start listening
क्या एसआईआर का दूसरा चरण राजस्थान को डिजिटलाइजेशन में पहले स्थान पर लाया?

सारांश

राजस्थान ने एसआईआर के दूसरे चरण में ईएफ के डिजिटलाइजेशन में शीर्ष स्थान हासिल किया है। इस प्रक्रिया में 99.5 प्रतिशत गणना पूरी हुई है और राज्य ने मतदाता मानचित्रण में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। जानिए कैसे तकनीक और समन्वय ने यह सफलता दिलाई।

Key Takeaways

  • 99.5 प्रतिशत गणना पूरी हुई।
  • ईएफ का डिजिटलाइजेशन में पहला स्थान।
  • 95 प्रतिशत से अधिक मतदाता मानचित्रण।
  • 46,000 मतदान केंद्रों पर बीएलओ का योगदान।
  • ईमानदारी और पारदर्शिता का महत्व।

जयपुर, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के बाद, देश के 12 राज्यों में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) जारी है। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने एसआईआर के दूसरे चरण में एक और महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है। इस बीच, राजस्थान ने ईएफ के डिजिटलाइजेशन में पहला स्थान पाया है।

आयोग द्वारा दी गई ताजा जानकारी के अनुसार, देशभर में 47.5 करोड़ से अधिक यानी 93 प्रतिशत से ज्यादा एन्यूमरेशन फॉर्म (ईएफ) का डिजिटलाइजेशन पूरा हो चुका है।

इस अभियान के तहत 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रहे व्यापक मतदाता सत्यापन कार्य में 99.83 प्रतिशत यानी 50.88 करोड़ से भी अधिक मतदाताओं तक फॉर्म पहुंचाए जा चुके हैं।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि कुल 5.46 करोड़ गणना प्रपत्रों में से 5.43 करोड़ से अधिक ईसीआई-नेट पर अपलोड कर दिए गए हैं, जिससे निर्धारित समय से पहले 99.5 प्रतिशत गणना पूरी हो गई है।

यह असाधारण प्रगति राजस्थान के मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचे और सुव्यवस्थित क्षेत्रीय समन्वय को दर्शाती है, जो बताती है कि कैसे तकनीक और जमीनी स्तर के प्रयास एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं।

राजस्थान मतदाता मानचित्रण में भी अग्रणी है, जहां राज्य ने कुल मिलाकर 95 प्रतिशत से अधिक मानचित्रण पूरा कर लिया है।

विशेष रूप से, नौ विधानसभा क्षेत्रों कपासन, बायतु, सलूंबर, लोहावट, नगर, सीकरी, ओसियां, शाहपुरा और बामनवास ने 99 प्रतिशत मानचित्रण का आंकड़ा पार कर लिया है। कपासन सबसे आगे है, जहां 2.73 लाख मतदाताओं में से 99.46 प्रतिशत का मानचित्रण हो चुका है, जिसका अर्थ है कि अब केवल लगभग 1,500 व्यक्तियों को ही संशोधन प्रक्रिया के दौरान दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता है।

मानचित्रण से बेहतर सटीकता, बेहतर मतदाता सेवाएं, और बिना किसी अतिरिक्त कागजी कार्रवाई के सुचारू मतदाता सूची सत्यापन सुनिश्चित होता है। यह प्रगति 46,000 मतदान केंद्रों पर कार्यरत बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के प्रयासों का परिणाम है।

राजस्थान डिजिटलीकरण में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाला राज्य बनकर उभरा है, जहां बाड़मेर, सलूंबर, बालोतरा, झालावाड़, फलौदी, भरतपुर, चूरू, दौसा, और बारां ने 100 प्रतिशत डिजिटलीकरण हासिल कर लिया है और देश के लिए आदर्श बन गए हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एसआईआर केवल आंकड़ों पर आधारित प्रक्रिया नहीं है, बल्कि ईमानदारी, पारदर्शिता और सटीकता के साथ निभाई जाने वाली एक सामूहिक जिम्मेदारी है।

राजस्थान का प्रदर्शन अधिक सटीक, मतदाता-अनुकूल और तकनीकी रूप से उन्नत मतदाता सूची तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

Point of View

बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह दर्शाता है कि किस प्रकार तकनीकी नवाचार और प्रशासनिक दक्षता मिलकर चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सटीक बना सकती है।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर का उद्देश्य क्या है?
एसआईआर का उद्देश्य मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण करना और इसे अद्यतन करना है।
राजस्थान ने डिजिटलाइजेशन में कैसे सफलता पाई?
राजस्थान ने तकनीकी बुनियादी ढांचे और क्षेत्रीय समन्वय के माध्यम से डिजिटलाइजेशन में सफलता पाई।
मतदाता मानचित्रण का महत्व क्या है?
मतदाता मानचित्रण से मतदान प्रक्रिया में सटीकता और सेवा में सुधार होता है।
Nation Press