क्या राजस्थान के नकली करेंसी मामले में एनआईए कोर्ट ने दोषी को 10 साल की सजा सुनाई?
सारांश
Key Takeaways
- राजस्थान के नकली करेंसी मामले में 10 साल की सजा
- एनआईए की सख्त कार्रवाई
- फरार आरोपी की तलाश जारी
- अदालत ने जुर्माना भी लगाया
- विशाखापत्तनम नेवी जासूसी केस में भी सजा
नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जयपुर स्थित विशेष अदालत ने 2019 के राजस्थान के चर्चित नकली करेंसी मामले में एक व्यक्ति को दोषी ठहराया है। अदालत ने उसे 10 साल के कठोर कारावास और 30,000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। यह मामला एफआईसीएन मुन्नाबाओ केस से संबंधित है, जिसमें 94,000 रुपए की फेस वैल्यू वाले उच्च गुणवत्ता के नकली भारतीय मुद्रा नोटों की बरामदगी की गई थी।
दोषी रण सिंह को मई 2019 में राजस्थान के मुन्नाबाओ लैंड कस्टम स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था। जांच में यह पाया गया कि वह अपने साथी कुनपजी (पाकिस्तानी नागरिक) के साथ भारत में नकली करेंसी की तस्करी में शामिल था। कुनपजी अब भी फरार है। एनआईए ने दोनों आरोपियों के खिलाफ नवंबर 2019 में चार्जशीट दाखिल की थी।
एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने रण सिंह को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई। एनआईए अधिकारियों के अनुसार, फरार आरोपी कुनपजी की तलाश जारी है।
इससे पहले, एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने 25 नवंबर को विशाखापत्तनम नेवी जासूसी मामले में पाकिस्तान से जुड़े नेटवर्क के दो अन्य आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है।
अदालत ने झुंझुनू जिले के अशोक कुमार और अलवर जिले के विकास कुमार को पाँच साल और ग्यारह महीने की सजा देने का आदेश दिया है। अदालत ने दोनों पर 5,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
इसी बीच, दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को हुए विस्फोट की घटना की जांच में एनआईए ने महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए इस मामले में चार और प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिससे गिरफ्तारियों की कुल संख्या बढ़कर छह हो गई है।