क्या राजद ने कांग्रेस की कनपटी पर कट्टा रखकर मुख्यमंत्री पद चुराया?
सारांश
Key Takeaways
- राजद और कांग्रेस के बीच का विवाद बढ़ता जा रहा है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
- बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में परिवर्तन संभव है।
- चुनाव से पहले घृणा की भावना बढ़ रही है।
- जंगलराज और सुशासन का मुद्दा भी उठाया गया है।
आरा, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजद और कांग्रेस के बीच चल रहे घमासान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कांग्रेस कभी नहीं चाहती थी कि मुख्यमंत्री पद के लिए राजद के नेता का नाम सामने आए। लेकिन राजद ने कांग्रेस की कनपटी पर कट्टा रखकर मुख्यमंत्री पद को चुराया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को बिहार के आरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "नामांकन वापस लेने से एक दिन पहले बिहार में बंद कमरे में गुंडागर्दी का खेल खेला गया था। कट्टा रखकर कांग्रेस से राजद नेता को मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार घोषित कराया गया।"
उन्होंने यह भी कहा कि राजद और कांग्रेस के बीच का विवाद काफी बढ़ गया है। न तो घोषणा-पत्र में कांग्रेस की सुनवाई हुई और न ही प्रचार में उनकी कोई पूछ हो रही है। पीएम मोदी ने कहा, "चुनाव से पहले इतनी घृणा बढ़ गई है कि चुनाव के बाद एक-दूसरे का सिर फोड़ने लगेंगे। इसलिए हमेशा याद रखिए, ऐसे लोग बिहार का भला कभी नहीं कर सकते हैं।"
राजद पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "एक ओर एनडीए का सुशासन है और दूसरी ओर 'जंगलराज' का कुशासन। 'जंगलराज' वह अंधकार है जिसने बिहार को धीरे-धीरे खोखला कर दिया। राजद के जंगलराज की पहचान 'कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुसंस्कार, कुशासन और करप्शन' से होती है।"
उन्होंने आगे कहा, "राजद ने बिहार में 'जंगलराज' लाया और तुष्टिकरण की राजनीति की, जबकि कांग्रेस की पहचान सिखों के कत्लेआम से जुड़ी है। 1984 में 1-2 नवंबर को कांग्रेस के लोगों ने सिख नरसंहार किया था। आज की कांग्रेस, सिख नरसंहार के गुनहगारों को पूरे सम्मान के साथ आगे बढ़ा रही है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "कांग्रेस और राजद को अपने पाप का कोई पछतावा नहीं है। राजद और कांग्रेस बिहार की पहचान को खत्म करने में जुटी हैं। ये लोग बिहार में घुसपैठियों के समर्थन में यात्राएं कर रहे हैं।"