क्या दिलीप जायसवाल ने रोहिणी आचार्य के पोस्ट पर तेजस्वी यादव को परिवार को लेकर सोचना चाहिए?
सारांश
Key Takeaways
- लालू परिवार में विवाद बढ़ रहा है।
- दिलीप जायसवाल ने परिवार की प्राथमिकता पर जोर दिया।
- रोहिणी आचार्य ने बेटियों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई।
- अशोक चौधरी ने समान अधिकारों की पुष्टि की।
- सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान के खिलाफ सख्त कानून की आवश्यकता है।
पटना, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री दिलीप जायसवाल ने लालू परिवार में चल रही अनबन पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि पिछले कुछ दिनों से इस परिवार में लगातार विवाद बढ़ते जा रहे हैं। उन्हें लगता है कि लालू यादव, राबड़ी देवी और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को पहले अपने परिवार की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए, बाकी सब बाद में।
दिलीप जायसवाल का यह बयान पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद आया। इस पोस्ट में रोहिणी ने बेटियों के समान अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की है।
पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए दिलीप जायसवाल ने कहा कि यह पूरी तरह से एक पारिवारिक और निजी मामला है, जो कि मार्मिक भी है, इसलिए हम ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहते।
संसद में ई-सिगरेट मामले पर उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर और बड़ी घटना है, जिस पर पूरे देश में चर्चा हो रही है। टीएमसी के सांसद ने भी माना है कि गलती हुई है। सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर सख्त कानून लागू होना चाहिए।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर दिलीप जायसवाल ने कहा कि ममता बनर्जी सत्ता के नशे में हैं और वे यह सब भूल गई हैं। सत्ता हथियाने के लिए विदेशी नागरिकों और घुसपैठियों के नाम वोटर लिस्ट में डालने की कोशिश कर रही हैं। देश की जनता ऐसे लोगों को कभी स्वीकार नहीं करेगी।
बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने भी रोहिणी आचार्य के पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बेटियों को कानून के तहत पूरे अधिकार प्राप्त हैं और हमारी सरकार ने इन्हें पहले ही यह अधिकार दिए हैं। बेटियों को बेटों के बराबर अधिकार हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें यह बात सोशल मीडिया पर कहनी पड़ रही है।
अशोक चौधरी ने कहा कि आज के समय में बेटियां बेटों से कहीं अधिक आगे हैं और उनका महत्व भी अधिक है। बेटे और बेटियों में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।
ई-सिगरेट मामले पर अशोक चौधरी ने कहा कि यह पूरी तरह से गलत है। संसद में नियमों और अनुशासन का पालन करना चाहिए। दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक सांसद से अनुशासन की उम्मीद की जाती है। पान खाकर थूकना और सिटिंग एरिया में धूम्रपान करना बहुत खराब सोच को दर्शाता है।
इसके अलावा, बिहार सरकार के मंत्री संजय सिंह ने रोहिणी आचार्य के पोस्ट पर कहा कि एक अभिभावक के तौर पर उन्होंने नीतीश कुमार से अपनी बात रखी है। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे बिहार में एनडीए की जीत हुई, वैसे ही बंगाल में भी हम जीतेंगे। एसआईआर की समय-सीमा बढ़ाए जाने पर संजय सिंह ने कहा कि बहुत सारी चीजें होती हैं और समयानुसार उसमें बदलाव होता है। ई-सिगरेट मामले पर उन्होंने कहा कि संसद के प्रत्येक सदस्य को सदन की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए।