क्या रोजाना सूर्य नमस्कार करना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है?
सारांश
Key Takeaways
- सूर्य नमस्कार से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- यह ऊर्जा और रक्त प्रवाह को बढ़ाता है।
- तनाव और चिंता को कम करता है।
- बढ़ती उम्र में लचीलापन बनाए रखने में मदद करता है।
- सही तरीके से अभ्यास करने पर वजन घटाने में सहायक होता है।
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। असंतुलित जीवनशैली के कारण कई लोग मानसिक और शारीरिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। लेकिन खुद को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए रोजाना घंटों की मेहनत करने की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए सूर्य नमस्कार ही पर्याप्त है।
सूर्य नमस्कार केवल आसनों का एक सेट नहीं है, बल्कि यह शरीर, श्वास और मन को जोड़ने वाली एक संपूर्ण साधना है। यह योग मुद्राओं का एक गतिशील क्रम है, जो हमारे शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करता है।
सूर्य नमस्कार 8 आसनों (प्रणामासन, हस्त उत्तानासन, हस्त पादासन, अश्व संचलनासन, दंडासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन और पर्वतासन) का समूह है, जो पूरे शरीर में ऊर्जा और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है। यह फेफड़ों को मजबूत कर बलगम की समस्या को दूर करता है।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, सूर्य नमस्कार एक संपूर्ण योग अभ्यास है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को सुधारता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से शारीरिक शक्ति और शरीर में लचीलापन बढ़ता है, रक्त संचार में सुधार होता है और तनाव और चिंता कम होती है।
यह पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है। इसमें कुल 12 चरण होते हैं, जो शरीर को सक्रिय करते हैं और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।
सूर्य नमस्कार करने से मांसपेशियाँ सक्रिय होती हैं और शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है, जिससे वजन तेजी से घटता है। इसे धीरे-धीरे शुरू करें और समय के साथ इसके स्टेप्स बढ़ाएं, ताकि शरीर को अधिक लाभ मिल सके।
इसे करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और नमस्ते करते हुए, हाथों को कमर की ओर ले जाएं और सिर को थोड़ा पीछे झुकाएं। अब सांस छोड़ते हुए कमर से आगे झुकें। हथेलियों को पैरों के बगल में जमीन पर रखें और घुटने सीधे रखें। सांस लेते हुए, दाएं पैर को पीछे की ओर फैलाएं। बायां घुटना मुड़ा रहे। सिर ऊपर उठाएं। अब दूसरे पैर को भी पीछे ले जाएं और अपने शरीर को हाथों और पैरों के बीच संतुलित करें। चेहरा पैरों की ओर होना चाहिए। अब घुटनों, छाती और ठुड्डी को जमीन पर रखें और कुछ सेकंड तक होल्ड करें।
अब धीरे-धीरे शरीर को ऊपर उठाएं और सिर को पीछे की ओर झुकाएं।
फिर सांस रोकते हुए पहले घुटने, फिर छाती और अंत में ठुड्डी को जमीन पर स्पर्श कराएं और कूल्हे हल्के ऊपर उठे रहें और सांस लेते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को नाभि तक ऊपर उठाएं। कोहनियों को हल्का मोड़कर रखें। सिर को पीछे झुकाएं। अब शरीर को ऊपर उठाएं और पैरों और हाथों को सीधा रखते हुए सिर को अंदर की ओर करें। पहले वाले पैर को आगे लाएं और सिर ऊपर रखें। अब दोनों पैरों को साथ लाकर फिर से नीचे झुकें।
धीरे-धीरे शरीर को सीधा करें और हाथों को ऊपर उठाकर पीछे की ओर झुकें। फिर से प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।
रोजाना सूर्य नमस्कार करने से आप अपनी सेहत का खास ख्याल रख सकते हैं। लेकिन अगर आपको गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो इसे करने से बचें या फिर डॉक्टर से सलाह लें।