क्या आरपी इन्फोसिस्टम्स स्कैम में ईडी ने 700 करोड़ की फर्जी क्रेडिट सुविधाओं पर शिकंजा कसा?
सारांश
Key Takeaways
- 700 करोड़ की फर्जी क्रेडिट सुविधाएं
- ईडी की जांच और कार्यवाही
- मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप
कोलकाता, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), कोलकाता ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में 12 दिसंबर को विशेष अदालत (पीएमएलए), कोलकाता में आरपी इन्फोसिस्टम्स लिमिटेड से संबंधित मामलों में एक परिशिष्ट अभियोजन शिकायत दायर की है। इस शिकायत के अंतर्गत ऑनट्रैक सिस्टम्स लिमिटेड को धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के अपराध में आरोपी ठहराया गया है।
ईडी ने आरोप लगाया है कि यह कंपनी अपराध से अर्जित धन को छुपाने, रखने, प्राप्त करने और उसके उपयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसके साथ ही हरी बालासुब्रमणियन पर यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने कंपनी के खातों और संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने में विफल रहकर जानबूझकर धन शोधन में मदद की।
ईडी द्वारा जारी प्रेस नोट में जानकारी दी गई है कि यह कार्रवाई उन एफआईआर पर आधारित है, जो केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की बैंकिंग सेक्टर एवं वित्तीय अपराध शाखा ने आईपीसी 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरपी इन्फोसिस्टम्स लिमिटेड और उसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज की थीं। सीबीआई अब तक इस मामले में दो चार्जशीट प्रस्तुत कर चुकी है।
जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि आरपी इन्फोसिस्टम्स लिमिटेड ने बैंकिंग प्रणाली को धोखा देकर लगभग 700 करोड़ रुपए की क्रेडिट सुविधाएं प्राप्त की थीं। कंपनी ने ये ऋण सुविधाएं प्राप्त करने के लिए फर्जी स्टॉक विवरण, झूठे वित्तीय दस्तावेज और गढ़े हुए डाटा बैंकों को प्रस्तुत किए, जिसके आधार पर बैंकों ने कंपनी को भारी मात्रा में वित्त प्रदान किया। कंपनी इन ऋणों का भुगतान नहीं कर पाई और बैंकिंग प्रणाली को गंभीर नुकसान पहुँचाया।
जांच में यह भी सामने आया कि इन ऋण सुविधाओं के आधार पर कंपनी ने कई लाइन ऑफ क्रेडिट खोले, जो विभिन्न शेल कंपनियों के पक्ष में जारी किए गए। इन कंपनियों ने झूठे टैक्स इनवॉइस, फर्जी चालान और जाली रसीदों का उपयोग करके अपने खातों में राशि जमा की।
ईडी ने जानकारी दी है कि इस मामले में पहले ही दो अस्थायी कुर्की आदेश 26 मार्च 2018 और 25 जुलाई 2024 को जारी किए गए हैं, जिनके अंतर्गत कुल 31.89 करोड़ रुपए की संपत्तियां अटैच की गईं।
इस मामले में ईडी पहले ही एक मूल अभियोजन शिकायत और एक परिशिष्ट अभियोजन शिकायत विशेष अदालत में प्रस्तुत कर चुका है। नवीनतम परिशिष्ट शिकायत में नए आरोपितों और कॉरपोरेट संरचना को शामिल कर मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे को और बढ़ाया गया है। एजेंसी ने बताया है कि इस मामले में जांच जारी है।