क्या सहारनपुर के डी फार्मा छात्र ने आत्महत्या की?
सारांश
Key Takeaways
- परिवार में विवाद मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
- युवाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना आवश्यक है।
- समाज को संवेदनशील बनना चाहिए ताकि हम ऐसे मामलों को रोक सकें।
सहारनपुर, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से एक छात्र द्वारा आत्महत्या का एक दुखद मामला सामने आया है। थाना फतेहपुर क्षेत्र के छुटमलपुर की नई बस्ती में रहने वाले डी फार्मा के छात्र वंश ने अपने कमरे में अपने ही मफलर से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
जानकारी के अनुसार, वंश दिन में पढ़ाई करता था और शाम को एक फैक्ट्री में काम करके परिवार का सहारा बनता था। यह घटना शनिवार सुबह की है। वंश की मां रीता अपने काम में व्यस्त थीं। जब वंश काफी देर तक नीचे नहीं आया, तो मां को चिंता हुई। जब रीता छत पर पहुंचीं, तो जो दृश्य उनके सामने आया, उसने उन्हें तोड़ दिया।
वंश कमरे में मफलर के सहारे पंखे से लटका हुआ था। मां की चीख पूरे घर और मोहल्ले में गूंज उठी। पड़ोसी दौड़े आए और किसी ने वंश को नीचे उतारा, लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं। घर में कोहराम मच गया और मां रीता बेटे के शरीर से लिपटकर बेसुध हो गईं।
वंश की दो बहनें, 18 साल की वंशिका और 16 साल की छोटी, रोते-रोते जमीन पर बैठ गईं। दोनों को देखकर हर किसी का दिल पसीज गया। दोनों 'भैया उठ जाओ' कहकर रो रही थीं।
घटना की सूचना मिलते ही थाना फतेहपुर की पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। फोरेंसिक टीम ने कमरे से सैंपल उठाए और पुलिस ने आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या का मामला सामने आया है। हालांकि, पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है।
जानकारी के अनुसार, वंश के माता-पिता के बीच विवाद चल रहा था। दोनों अलग रहते हैं और वंश अपनी मां और बहनों के साथ रहता था। वह दिन में कॉलेज जाता था और शाम को एक फैक्ट्री में काम करता था। पड़ोसियों के अनुसार, वह मेहनती और शांत स्वभाव का लड़का था। परिवार की जिम्मेदारियां उसके कंधों पर थीं।
पड़ोसियों ने बताया कि चार-पांच दिन पहले वंश के पिता जितेंद्र यहां आए थे, जहाँ उनकी पत्नी और बच्चों के साथ तीखी बहस हुई। आरोप है कि झगड़े के दौरान वंश को भी गालियाँ दी गई थीं। उस दिन के बाद से वंश काफी परेशान और गुमसुम रहने लगा था। लोगों ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन किसी को नहीं पता था कि वह इतना बड़ा कदम उठा लेगा।