क्या मुस्लिम धर्मगुरुओं ने संसद मार्ग मस्जिद विवाद में मोहिबुल्लाह नदवी को हटाने की मांग की?

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क्या मुस्लिम धर्मगुरुओं ने संसद मार्ग मस्जिद विवाद में मोहिबुल्लाह नदवी को हटाने की मांग की?

सारांश

संसद मार्ग मस्जिद में समाजवादी पार्टी के सांसदों की बैठक के विरोध में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने मोर्चा खोला है। इमाम मोहिबुल्लाह नदवी पर धार्मिक स्थल के राजनीतिक इस्तेमाल का गंभीर आरोप है, जिसके चलते उन्हें इमामत से हटाने की मांग की गई है। जानिए पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • संसद मार्ग मस्जिद में राजनीतिक मीटिंग का विवाद उठ गया है।
  • मोहिबुल्लाह नदवी पर गंभीर आरोप लगे हैं।
  • मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने उन्हें हटाने की मांग की है।
  • मस्जिद का राजनीतिक इस्तेमाल शरीयत के खिलाफ है।
  • इस विवाद ने धार्मिक और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर चर्चा को जन्म दिया है।

नई दिल्ली, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संसद मार्ग पर स्थित मस्जिद में हाल ही में समाजवादी पार्टी के सांसदों की बैठक के विरोध में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने जोरदार मोर्चा खोला है। मस्जिद के इमाम मोहिबुल्लाह नदवी पर धार्मिक स्थल के राजनीतिक उपयोग का गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें इमामत से हटाने की मांग की गई है।

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र भेजकर आरोप लगाया कि मौलाना नदवी की मौन स्वीकृति से संसद मार्ग मस्जिद में समाजवादी पार्टी की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव, जियाउर्रहमान बर्क और अन्य नेता शामिल हुए।

मौलाना रजवी ने आरोप लगाया कि इस तरह का राजनीतिक उपयोग न केवल शरीयत के खिलाफ है, बल्कि यह करोड़ों मुस्लिमों की धार्मिक आस्थाओं को भी ठेस पहुंचाता है।

रजवी ने पत्र में लिखा, "मस्जिद में महिलाओं का प्रवेश और 'नापाक लोगों' की मौजूदगी शरीयत की स्पष्ट अवहेलना है। मस्जिद इबादतगाह है, न कि कोई राजनीतिक मंच।"

संसद मार्ग मस्जिद लोकसभा सचिवालय के अधिकार क्षेत्र में आती है और मौलाना नदवी वर्तमान में एक सांसद भी हैं, ऐसे में रजवी ने मांग की है कि उन्हें तत्काल मस्जिद की इमामत से हटाया जाए और किसी सूफी, धार्मिक तथा गैर-राजनीतिक व्यक्ति को यह जिम्मेदारी सौंपी जाए।

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी के पत्र के बाद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी ने अब तक इस विवाद पर कोई पार सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है और न ही समाजवादी पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान आया है।

फिलहाल, मस्जिद के राजनीतिक उपयोग को लेकर यह मामला अब धार्मिक और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर चर्चा का विशय बन गया है।

ज्ञात हो कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने हाल ही में दिल्ली के संसद मार्ग में स्थित जामा मस्जिद में पार्टी नेताओं के साथ बैठक की थी। इसकी तस्वीरें भी खूब वायरल हुई थीं। तस्वीर सामने आने के बाद भाजपा ने उन पर हमला बोला था। इस मामले में एक बड़ी बात यह है कि इस मस्जिद के इमाम मोहिबुल्लाह नदवी, जो उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद भी हैं।

Point of View

बल्कि यह राजनीतिक गतिविधियों पर भी सवाल उठाता है। समाज में इस मुद्दे की गहराई को समझना आवश्यक है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

संसद मार्ग मस्जिद विवाद क्या है?
यह विवाद मुस्लिम धर्मगुरुओं द्वारा इमाम मोहिबुल्लाह नदवी को हटाने की मांग से संबंधित है, जिन पर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।
मस्जिद का राजनीतिक उपयोग क्यों विवादित है?
मस्जिद का राजनीतिक उपयोग शरीयत के खिलाफ माना जाता है, जिससे करोड़ों मुस्लिमों की धार्मिक भावनाएँ आहत होती हैं।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने क्या कहा?
उन्होंने मौलाना नदवी पर राजनीतिक मीटिंग की अनुमति देने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की है।
क्या इमाम मोहिबुल्लाह नदवी ने विवाद पर प्रतिक्रिया दी है?
अब तक उन्होंने इस पूरे विवाद पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इस विवाद का राजनीतिक प्रभाव क्या हो सकता है?
यह मामला समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच राजनीतिक तनाव को और बढ़ा सकता है।