क्या संसद में हंगामा हुआ? कांग्रेस सांसद ने 'सरकार चोरी' का किया दावा

सारांश
Key Takeaways
- सुखदेव भगत ने विधेयकों का विरोध किया।
- विपक्ष ने सदन में हंगामा किया।
- भाजपा पर 'सरकार चोरी' का आरोप।
- 'वोटर अधिकार यात्रा' का समर्थन।
- चुनाव आयोग पर सवाल उठाए।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने उन तीन विधेयकों का कड़ा विरोध किया है, जिन्हें बुधवार को लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पेश किया। इस दौरान जोरदार हंगामा देखने को मिला और विपक्ष ने विधेयक की कॉपी फाड़कर सदन में फेंकी। सुखदेव भगत ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि आज चुनाव आयोग के माध्यम से भाजपा 'वोट चोरी' कर रही है और इस विधेयक के जरिए वे 'सरकार चोरी' करने का प्रयास कर रही हैं।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि सरकार की इन विधेयकों के पीछे की मंशा अब भी स्पष्ट नहीं है।
राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि यह विधेयक इसीलिए लाया जा रहा है ताकि चुनी हुई सरकारों को अस्थिर किया जा सके। उन्होंने ईडी के उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार ने इसका दुरुपयोग किया है। विपक्षी नेताओं पर दबाव डालने के लिए मुकदमे दर्ज किए गए हैं। अगर यह विधेयक पारित होता है, तो यह सीधे तौर पर चुनी हुई सरकार को कमजोर करेगा। इसी कारण, विपक्षी सांसदों ने सदन में विरोध किया।
उन्होंने राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' का समर्थन करते हुए कहा कि यह यात्रा वोट चोरी के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बारे में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बयान पर उन्होंने कहा कि वह सच्चाई बोल रहे हैं। 'वोटर अधिकार यात्रा' के माध्यम से वे लोकतंत्र की रक्षा की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। लोगों की अपेक्षाएं राहुल गांधी से हैं, और यह अपेक्षा रखना गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एसी कमरों में बैठने के बजाय पदयात्रा निकाल रहे हैं, जिससे आम जनता उन्हें आशा भरी निगाहों से देख रही है और वह लोकतंत्र की सुरक्षा करेंगे।
पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल जिलों में मतदाता सूची में नौ गुना वृद्धि पर उन्होंने कहा कि यह किसी एक समुदाय की बात नहीं है। इसीलिए, मैंने कहा कि चुनाव आयोग क्या कर रही है। पारदर्शी तरीके से जवाब क्यों नहीं दे रही? उन्होंने कहा कि जब राहुल गांधी और विपक्ष वोट चोरी के मुद्दे पर आयोग से सवाल पूछते हैं, तो जवाब देने के लिए भाजपा सामने आती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के दावों पर आयोग उन्हें शपथ पत्र (हलफनामा) देने के लिए कह रहा है, जो उचित नहीं है।