क्या सर्दियों में सूर्यभेदन प्राणायाम है सिरदर्द के लिए प्रभावी?
सारांश
Key Takeaways
- सूर्यभेदन प्राणायाम सर्दियों में शरीर को गर्म रखने में मदद करता है।
- यह इम्यूनिटी को मजबूत करता है।
- सिरदर्द और जोड़ों के दर्द में राहत प्रदान करता है।
- पाचन तंत्र को मजबूत करने में सहायक है।
- नियमित अभ्यास से मौसमी बीमारियों से बचाव होता है।
नई दिल्ली, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दियों में अक्सर हाथ-पैर ठंडे पड़ना, बार-बार जुकाम, सिरदर्द और जोड़ों में दर्द जैसी समस्याएं आम होती हैं। इनसे राहत पाने के लिए योगासन और प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करना एक उत्तम उपाय है। इस मौसम में सूर्यभेदन प्राणायाम का अभ्यास अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है।
मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा के विशेषज्ञों के अनुसार, सूर्यभेदन प्राणायाम सबसे सरल और प्रभावी उपाय है। यह प्राणायाम शरीर के अंदरूनी ताप को तेजी से बढ़ाता है, जिससे सर्दी से राहत मिलती है। इसे सूर्य नाड़ी (पिंगला नाड़ी) को सक्रिय करने वाला प्राणायाम माना जाता है, जो दाहिनी नासिका से किया जाता है।
सूर्यभेदन प्राणायाम के नियमित अभ्यास से कई फायदे मिलते हैं। यह सर्दी-जुकाम, नाक बंद होना और साइनस की समस्या में राहत प्रदान करता है। सिरदर्द और माइग्रेन में भी यह बेहद प्रभावी होता है। यह वात दोष से उत्पन्न होने वाले जोड़ों के दर्द, गठिया और कमर दर्द में भी राहत देता है। इसके अलावा, यह पेट के कीड़ों (परजीवी) को नष्ट कर पाचन तंत्र को मजबूत करता है और शरीर के आंतरिक तापमान को बढ़ाकर ठंड से बचाता है। यह प्राणायाम कुंडलिनी जागरण और मानसिक एकाग्रता में भी सहायक है।
विशेषज्ञ सूर्यभेदन प्राणायाम के अभ्यास की विधि बताते हैं। इसके लिए सुखासन, पद्मासन या किसी आरामदायक मुद्रा में बैठें। बाईं नासिका को अंगूठे से बंद करें और दाहिनी नासिका से गहरी सांस लें। सांस भरने के बाद दोनों नासिकाएं बंद करें और कुछ सेकंड तक रोके रखें। इसके बाद बाईं नासिका से धीरे-धीरे सांस छोड़ें। यह एक चक्र है। रोजाना 10-15 चक्र सुबह के समय खाली पेट करना चाहिए।
योगाचार्यों का कहना है कि सर्दियों में रोज सुबह 10-15 मिनट सूर्यभेदन प्राणायाम करने से शरीर गर्म रहता है, इम्यूनिटी मजबूत होती है और मौसमी बीमारियों से बचाव होता है। हालांकि, कुछ लोगों को इस प्राणायाम से बचने की सलाह दी जाती है। हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों, हृदय रोगियों, गर्मी या पित्त प्रकृति वाले व्यक्तियों और तेज बुखार से पीड़ित लोगों को भी सूर्यभेदन प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए।