शरद ऋतु में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?

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शरद ऋतु में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?

सारांश

शरद ऋतु में प्रकृति और शरीर में परिवर्तन आते हैं। इस दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, जानें आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से। स्वस्थ रहने के लिए अपने आहार में आवश्यक बदलाव करें और जानें घरेलू उपायों के बारे में।

Key Takeaways

  • शरद ऋतु में हल्का आहार लें।
  • पित्त को संतुलित करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  • घरेलू उपाय जैसे आंवला शरबत उपयोगी हैं।
  • धूप में अधिक समय बिताने से बचें।
  • तांबे की बोतल का पानी पीना फायदेमंद है।

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शरद ऋतु का समय प्रकृति और मानव शरीर दोनों के लिए परिवर्तन लेकर आता है। इस अवधि में, लोगों में गर्मी, त्वचा में जलन, पसीना, अम्ल पित्त, आंखों में जलन, फोड़े-फुंसी और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण प्रकट होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, स्वस्थ रहने के लिए व्यक्ति को ऋतु के अनुसार अपने आहार और व्यवहार में बदलाव करना आवश्यक है।

इस मौसम में खाने-पीने के मामले में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। आहार में उन पदार्थों को शामिल करना चाहिए जो शीतल, पचने में आसान और पित्त को संतुलित करने वाले हों। इस दौरान जौ, गेहूं, चावल जैसे हल्के अनाज और दूध का सेवन करना चाहिए।

मौसमी फल जैसे नारियल, जामुन, अमरूद और बेल शरीर की गर्मी को संतुलित रखने में सहायक होते हैं। हरी सब्जियां जैसे लौकी, तुरई, पालक और मेथी पाचन में सहायक होती हैं और पित्त को कम करती हैं। आंवला रस और नींबू पानी शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं।

इस समय तीखे मसाले, तला-भुना खाना, चाय, कॉफी, शराब, मांस-मछली और अत्यधिक तैलीय या मीठा भोजन नहीं लेना चाहिए क्योंकि ये पित्त दोष को बढ़ाते हैं। पाचन अग्नि इस ऋतु में कमजोर हो जाती है, इसलिए भारी भोजन से बचना चाहिए। धूप में अधिक समय बिताना या कठोर व्यायाम करना भी शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।

आयुर्वेद में कुछ घरेलू उपाय भी बताए गए हैं जो इस ऋतु में लाभकारी होते हैं, जैसे सौंफ और धनिया का काढ़ा, नारियल पानी, आंवला शरबत, शतावरी दूध आदि।

इसके अलावा, जीवनशैली में थोड़ा बदलाव भी आवश्यक है। सुबह जल्दी उठकर ठंडे पानी से स्नान करें, नाक में घृत या अनु तेल की कुछ बूंदें डालें और दोपहर का भोजन हल्का रखें। रात को कुछ समय टहलना पित्त को शांति प्रदान करता है, जिसे चंद्रप्रभा चिकित्सा कहा जाता है। तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना भी फायदेमंद होता है।

शरद ऋतु केवल एक सुंदर मौसम नहीं है, बल्कि यह शरीर को संतुलित और शुद्ध करने का भी समय है। यदि हम मौसम के अनुसार जीवनशैली और भोजन अपनाते हैं, तो कई रोगों से बच सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

Point of View

यह कहना उचित है कि शरद ऋतु का समय हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालता है। अगर हम इस मौसम के अनुसार अपने आहार और दिनचर्या में बदलाव लाते हैं, तो हम न केवल स्वस्थ रह सकते हैं, बल्कि कई रोगों से भी बच सकते हैं।
NationPress
14/10/2025

Frequently Asked Questions

शरद ऋतु में क्या खाना चाहिए?
इस मौसम में हल्के अनाज जैसे जौ, गेहूं, चावल और मौसमी फल जैसे नारियल, जामुन का सेवन करना चाहिए।
कौन से खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए?
इस ऋतु में तीखे मसाले, तला-भुना खाना, चाय, कॉफी, शराब, मांस-मछली और अत्यधिक तैलीय या मीठा भोजन नहीं लेना चाहिए।