क्या शिक्षक सिर्फ पढ़ाने तक सीमित रह सकते हैं, या समाज से भी जुड़ना चाहिए?: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

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क्या शिक्षक सिर्फ पढ़ाने तक सीमित रह सकते हैं, या समाज से भी जुड़ना चाहिए?: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

सारांश

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शिक्षकों को समाजिक जिम्मेदारी निभाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। यह आलेख इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करता है कि शिक्षकों को केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं रहना चाहिए।

Key Takeaways

  • शिक्षकों को समाज से जुड़ने की आवश्यकता है।
  • विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास होना चाहिए।
  • समर्थ पोर्टल का प्रभावी उपयोग किया जाना चाहिए।
  • अनुशासन शिक्षा में महत्वपूर्ण है।
  • स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए।

लखनऊ, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि शिक्षकों को केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए विद्यार्थियों को व्यवहारिक प्रबंधन का ज्ञान देना चाहिए और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

राजभवन, लखनऊ में प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा समर्थ पोर्टल के 39 मॉड्यूल्स के क्रियान्वयन पर आयोजित ऑनलाइन समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए, राज्यपाल ने निर्देश दिया कि राजभवन स्तर पर एक विशेषज्ञ टीम का गठन किया जाए। यह टीम, समर्थ पोर्टल के अधिकारियों से प्रशिक्षण लेकर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को पोर्टल आधारित कार्यप्रणाली में दक्ष बनाएगी।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में नामांकन से लेकर परीक्षा परिणाम तक के सभी कार्य समर्थ पोर्टल के माध्यम से किए जाने चाहिए। उन्होंने फीस जमा करने के बाद प्रवेश नहीं लेने वाले विद्यार्थियों की फीस वापसी सुनिश्चित करने पर और चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष जोर दिया।

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि शिक्षक और विद्यार्थी, दोनों के लिए अनुशासन आवश्यक है, क्योंकि अनुशासित शिक्षक ही विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया गया कि छात्रावासों में विशेष रूप से बालिकाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करें, और किसी छात्रा के अनावश्यक रूप से बाहर जाने पर अभिभावकों को तुरंत सूचित किया जाए।

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसरों और गोद लिए गए गांवों में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। जिन विश्वविद्यालयों में स्विमिंग पूल हैं, वहां आस-पास के गांवों के बच्चों को तैराकी का प्रशिक्षण दिया जाए।

उन्होंने विश्वविद्यालयों में बैक पेपर प्रणाली को समाप्त करने का सुझाव देते हुए कहा कि विद्यार्थियों को इस प्रकार तैयार किया जाए कि वे सभी परीक्षाओं में समय पर सम्मिलित होकर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय एक-दूसरे के अनुभवों से सीखें, तकनीकी विश्वविद्यालयों से सहयोग प्राप्त करें, और विद्यार्थियों को इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करें।

Point of View

जो कि देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
NationPress
12/11/2025

Frequently Asked Questions

राज्यपाल ने शिक्षकों को क्या निर्देश दिए?
राज्यपाल ने शिक्षकों को सामाजिक जिम्मेदारी निभाने और विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करने का निर्देश दिया।
समर्थ पोर्टल के बारे में क्या बताया गया?
समर्थ पोर्टल के अधिकारियों से प्रशिक्षण लेकर विश्वविद्यालयों को पोर्टल आधारित कार्यप्रणाली में दक्ष बनाने का सुझाव दिया गया है।