क्या सोनिया-राहुल पर एफआईआर का विरोध सही है? जयराम रमेश बोले-डराने की कोशिश कर रही केंद्र सरकार

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क्या सोनिया-राहुल पर एफआईआर का विरोध सही है? जयराम रमेश बोले-डराने की कोशिश कर रही केंद्र सरकार

सारांश

कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया और राहुल गांधी पर एफआईआर का विरोध किया है। पार्टी का कहना है कि मोदी-शाह जोड़ी विपक्ष को डराने का प्रयास कर रही है। क्या यह राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है? जानिए इस मामले की गहराई को।

Key Takeaways

  • कांग्रेस का एफआईआर का विरोध
  • मोदी और शाह की राजनीति
  • सोनिया और राहुल का प्रतिशोध
  • सरकार की कार्रवाई पर सवाल
  • नेशनल हेराल्ड का विवाद

नई दिल्ली, 30 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर दर्ज एफआईआर का तीव्र विरोध किया है। पार्टी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह मिलकर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को लगातार निशाना बना रहे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार विपक्ष को डराने-धमकाने और दबाने की राजनीति कर रही है।

कांग्रेस का कहना है कि ये सब राजनीतिक प्रेरणा से की गई कार्रवाई है, जिसका मकसद विपक्ष को कमजोर करना है। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, 'मोदी-शाह की जोड़ी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ निरंतर डराने-धमकाने और राजनीतिक प्रतिशोध की राजनीति कर रही है। जो स्वयं असुरक्षित और भयभीत होते हैं, वही दूसरों को डराने की कोशिश करते हैं। नेशनल हेराल्ड मामला पूरी तरह से झूठा और निराधार है। अंततः न्याय की ही जीत होगी। सत्यमेव जयते!'

वास्तव में, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और विश्वासघात जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। एफआईआर में कुल नौ आरोपी हैं, जिनमें छह व्यक्ति और तीन कंपनियां शामिल हैं। यह कार्रवाई ईडी की 3 अक्टूबर 2025 को दी गई शिकायत के आधार पर हुई है।

आरोप है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की करीब 2,000 करोड़ की संपत्तियों पर गलत तरीके से कब्जा करने की साजिश रची गई। एजेएल वही कंपनी है जो नेशनल हेराल्ड अखबार का संचालन करती थी और 2008 में वित्तीय दिक्कतों के कारण बंद हो गई थी। उस समय एजेएल पर 90 करोड़ रुपए से अधिक का ब्याजरहित कर्ज था।

2010 में बनी यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने एजेएल की 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियों को मात्र 50 लाख रुपए में खरीद लिया। इस कंपनी में सोनिया और राहुल गांधी का 76 प्रतिशत शेयर है, जिससे वे इसके प्रमुख मालिक बन गए। आरोप है कि सार्वजनिक धन को निजी लाभ में बदलने के लिए यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई गई थी।

इसके अलावा, कोलकाता की एक कथित शेल कंपनी डॉटेक्स द्वारा यंग इंडिया को 1 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने को भी साजिश का हिस्सा बताया जा रहा है।

Point of View

NationPress
30/11/2025

Frequently Asked Questions

नेशनल हेराल्ड केस क्या है?
नेशनल हेराल्ड केस एक विवादास्पद मामला है जिसमें सोनिया और राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसमें धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश शामिल हैं।
कांग्रेस का आरोप क्या है?
कांग्रेस का आरोप है कि सरकार विपक्ष को डराने-धमकाने की राजनीति कर रही है।
इस मामले में कितने आरोपी हैं?
एफआईआर में कुल नौ आरोपी हैं, जिनमें छह व्यक्ति और तीन कंपनियां शामिल हैं।
क्या यह मामला राजनीति से प्रेरित है?
कांग्रेस का कहना है कि यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक प्रेरणा से प्रेरित है।
क्या सरकार ने गलत तरीके से कार्रवाई की है?
कांग्रेस का दावा है कि यह कार्रवाई सरकार की राजनीतिक प्रतिशोध की योजना का हिस्सा है।
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