क्या सोयाबीन किसानों को क्लेम की राशि दिलाना शिवराज सिंह चौहान की जिम्मेदारी है?

सारांश
Key Takeaways
- किसानों के लिए राहत योजनाएं
- फसल बीमा का महत्व
- खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करना
- सोयाबीन फसल के नुकसान का आंकलन
- स्थानीय अधिकारियों की भूमिका
रायसेन, १७ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा और सोयाबीन के किसानों को राहत दिलाना मेरी जिम्मेदारी है। मध्य प्रदेश के विदिशा लोकसभा क्षेत्र से केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान सांसद हैं। वे शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र के रायसेन जिले में थे, जहां के कलेक्ट्रेट कार्यालय में उच्चस्तरीय बैठक लेकर जनहित के विभिन्न मामलों की विस्तार से समीक्षा कर निर्देश दिए।
किसानों को कहीं भी कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। इसके लिए उचित व्यवस्थाओं के निर्देश देते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों को लाइन में नहीं लगना पड़े, ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए। रबी की फसल के लिए किसानों को खाद की कमी नहीं होनी चाहिए। हम प्राण-प्रण से प्रयास करेंगे जिससे कि किसानों को खाद की कमी न हो।
एक अन्य महत्वपूर्ण विषय पर शिवराज सिंह ने कहा कि स्थानीय अधिकारी सोयाबीन की फसल के नुकसान का सही आंकलन करके भेजेंगे तो किसानों को क्लेम की राशि दिलाने की जिम्मेदारी मेरी है। आरबी छह-चार के प्रावधान और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से हम किसानों को राहत दिलाएंगे।
शिवराज सिंह ने कलेक्टर से पूछा, "क्या आपने क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट करके सर्वे कराया है? यदि कराया है, तो उसे राज्य सरकार के माध्यम से मुझ तक भेजें। मैं फसल बीमा की एजेंसी से बात करूंगा। ये हमारी ड्यूटी है कि हम सही से सर्वे कराएं, जिससे किसानों को संतोष हो।"
उन्होंने यह भी साफ तौर पर कहा कि अरहर, सोयाबीन और मक्का के मामले को पूरी गंभीरता से लें। शिवराज सिंह ने कहा कि एक और विषय मेरे संज्ञान में आया है कि रिमोट सेंसिंग से गेहूं का आंकलन तो सही हो जाता है लेकिन सोयाबीन का नहीं हो पाता, इसलिए क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट के माध्यम से आंकलन करें, जिससे कि सही से सर्वे हो जाए।
केंद्रीय मंत्री पिछले दिनों बाढ़ पीड़ितों के पास भी गए थे, जिन्हें मदद देने की चर्चा करते हुए कहा कि मकान क्षतिग्रस्त होने की रिपोर्ट मिलते ही वे केंद्रीय स्तर पर ग्रामीण विकास मंत्रालय से घर, शौचालयों आदि मिलाकर मनरेगा से १.६० लाख रुपए दिलवाएंगे।